
देहरादून : उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में खीरगंगा नदी में बादल फटने की त्रासदी पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गहरा दुःख और संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इस हृदय विदारक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए तत्काल जिलाधिकारी उत्तरकाशी से दूरभाष पर संपर्क साधा और राहत एवं बचाव कार्यों की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संकट की घड़ी में सरकार पूरी तरह से मुस्तैद और संवेदनशील है, और आपदा प्रभावित क्षेत्र में सभी आवश्यक संसाधन जुटाकर युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं।
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तरकाशी के धराली गांव में घटित यह दुखद घटना केवल वर्तमान की त्रासदी नहीं है, बल्कि इसका एक ऐतिहासिक संदर्भ भी है। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 80 वर्ष पूर्व भी इसी प्रकार की भीषण प्राकृतिक आपदा इस क्षेत्र में घट चुकी है, और अब एक बार फिर वैसा ही मंजर देखने को मिला है। यह दुहराव न केवल कुदरत की मार को दर्शाता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि खीरगंगा नदी में बादल फटने के बाद आई भीषण बाढ़ ने धराली गांव में भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते जन-धन की हानि हुई है और लोग बेहद कठिन परिस्थिति में हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि घटना की सूचना मिलते ही सेवा के जवानों के साथ एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें तुरंत मौके पर रवाना कर दी गईं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है।
सतपाल महाराज ने यह भी कहा कि सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी धराली गांव में मौके पर मौजूद हैं और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सरकार का पूरा तंत्र एकजुट होकर इस संकट को संभालने में जुटा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जाएगी और सरकार इस कठिन समय में उनके साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।
प्रदेशवासियों से भी सतपाल महाराज ने अपील की कि वे धैर्य और संयम बनाए रखें और किसी भी अफवाह या भ्रामक सूचना से बचें। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए कटिबद्ध है और सभी आवश्यक सहायता समय रहते प्रदान की जाएगी। इस घटना से जुड़े हर पहलू पर सरकार की कड़ी नजर है, और प्रयास किए जा रहे हैं कि किसी भी प्रकार की और हानि न हो।
यह घटना उत्तराखंड के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है कि पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक असंतुलन के कारण आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति दोनों बढ़ रही हैं। ऐसे में भविष्य के लिए बेहतर पूर्वानुमान, सतर्कता और आपदा प्रबंधन की योजना बनाना अति आवश्यक हो गया है।