
उत्तरकाशी / देहरादून: उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने शुक्रवार को एक ऐसा भावुक क्षण आया, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों को गहराई से प्रभावित कर दिया। गुजरात के अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली श्रीमती धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं। पांच अगस्त को आई भीषण आपदा ने उनका सफर थाम दिया और वे धराली में अपने परिवार सहित फंस गईं। मार्ग अवरुद्ध हो जाने, मलबे के ढेर और तेज बहाव के कारण हालात बेहद कठिन हो गए थे, जिससे बाहर निकलना लगभग असंभव प्रतीत हो रहा था।
प्रदेश सरकार के त्वरित निर्देशों पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किए गए। मुख्यमंत्री स्वयं पिछले तीन दिनों से प्रभावित इलाके में डटे हुए थे, ताकि मौके पर ही राहत कार्यों की निगरानी कर सकें और जरूरत के अनुसार निर्देश दे सकें। रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों और कठिन परिस्थितियों में किए गए साहसिक कार्य के बाद अंततः श्रीमती बरौलिया और उनके परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
रक्षाबंधन से एक दिन पहले जब मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र में मौजूद थे, तब श्रीमती बरौलिया का आभार व्यक्त करने का तरीका सबको भावुक कर गया। उन्होंने अपने दुपट्टे का एक टुकड़ा फाड़कर उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री के हाथ में बांध दिया। इस अनायास और हृदयस्पर्शी क्षण ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं। मुख्यमंत्री ने इस स्नेहपूर्ण भाव को पूरे सम्मान और विनम्रता के साथ स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा की इस कठिन घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य पूरी प्रतिबद्धता और तेजी से किए जाएंगे, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौटने में सहायता मिल सके।
धराली जैसे दुर्गम और आपदा-प्रभावित क्षेत्र में यह घटना न केवल मानवीय संवेदनाओं की अनूठी मिसाल बनी, बल्कि इसने यह भी साबित कर दिया कि विपत्ति के समय आशा, विश्वास और सामाजिक एकजुटता कितनी गहरी जड़ें जमाए हुए है। यहां का हर व्यक्ति इस दृश्य का साक्षी बना, जो आपदा के अंधकार में भी मानवीय रिश्तों की गर्माहट का संदेश दे रहा था।