
देहरादून : उत्तराखंड में इस वर्ष का मानसून राज्य के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। भारी बारिश, लगातार भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं ने आमजनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं लोक निर्माण विभाग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी कि अब तक विभाग को लगभग 55438.16 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि मानसून सीजन में अब तक 2600 से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से 2406 सड़कों को खोलकर यातायात बहाल कर दिया गया है, लेकिन कई स्थानों पर स्थिति गंभीर बनी हुई है। तेज बारिश और आपदा की वजह से कुछ मार्ग पूरी तरह बह गए हैं, जिससे वहां संचार और आवागमन ठप हो गया है। इस समय प्रदेश में 195 मार्ग बंद हैं। लोक निर्माण विभाग की 1703 सड़कों में से 1624 सड़कों को खोल दिया गया है, जबकि शेष 97 सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग की 24 बंद सड़कों में से 23 को खोल दिया गया है।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आने वाली 869 सड़कों में से 754 सड़कों पर यातायात बहाल कर दिया गया है, जबकि 115 सड़कों को खोलने का काम जारी है। बीआरओ और एनएचआईडीसीएल की सभी सड़कें इस समय पूरी तरह से खुली हुई हैं। भूस्खलन और मलबा आने की संभावनाओं को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीनों और अन्य संसाधनों की तैनाती की है। प्रदेश में मार्गों को सुगम बनाने और आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कुल 684 मशीनें विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर लगाई गई हैं।
सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार और विभाग आपदा प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है ताकि किसी भी स्थिति से निपटने में देरी न हो। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सभी अधिकारी और कर्मचारी चौबीसों घंटे सतर्क रहकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और अनावश्यक रूप से बंद मार्गों या संवेदनशील क्षेत्रों की ओर न जाएं।