
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे के विकास के लिए राज्य सरकार और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच समझौता हुआ। इस समझौते के तहत एनएचएलएमएल की 51 प्रतिशत और राज्य सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी तय की गई है। राजस्व साझेदारी के अनुसार 90 प्रतिशत धनराशि उत्तराखंड में पर्यटन, परिवहन और गतिशीलता के क्षेत्र में खर्च होगी। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह समझौता राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने के साथ ही पर्यटन, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे (4100 करोड़ रुपये, 12.9 किमी) और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे (2700 करोड़ रुपये, 12.4 किमी) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य में रोपवे कनेक्टिविटी को नए आयाम देंगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेल, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। चारधाम ऑलवेदर रोड, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड और विभिन्न मोटर मार्गों के माध्यम से राज्य के सीमांत क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी सुदृढ़ की जा रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि यह दिन राज्य के लिए ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में हर क्षेत्र में तेज विकास हो रहा है। इन रोपवे परियोजनाओं के पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं को केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन करने में बेहद सुविधा होगी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह समझौता पर्यटन विकास में अहम भूमिका निभाएगा। रोपवे बनने से स्थानीय स्तर पर आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, अपर सचिव विनय कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, धीराज गर्ब्याल, युगल किशोर पंत, एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश मलिक, वाइस प्रेसीडेंट प्रशांत जैन, अपर सचिव अभिषेक रोहिला और पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।