
देहरादून : उत्तराखंड में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस अवसर पर ‘‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’’ के तहत प्रदेशभर में 4114 स्वास्थ्य शिविर लगाये जायेंगे। इन शिविरों की निगरानी जिलाधिकारी करेंगे, जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी उनका सहयोग करेंगे। शिविरों में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। साथ ही निःशुल्क जांच, उपचार और स्वास्थ्य सेवाएं आम जनता को उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित एनएचएम सभागार में अभियान की तैयारियों की समीक्षा करते हुए बताया कि जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित होंगे। इनमें रक्तदान शिविर, टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग और निःक्षय मित्र बनाने पर विशेष फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिये विभागीय अधिकारियों को रेखीय विभागों और स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सके।
बैठक में मंत्री ने जिलाधिकारियों को अपने जिलों में प्रतिदिन स्वास्थ्य शिविरों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिविरों में प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, निकायों के अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख और अन्य जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान माइक्रोप्लान, कैलेंडर, नोडल अधिकारियों की तैनाती और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता पर भी चर्चा की गई।
प्रदेशभर में लगने वाले 4114 शिविरों में रुद्रप्रयाग में 271, बगेश्वर में 110, टिहरी में 528, पिथौरागढ़ में 579, चम्पावत में 121, नैनीताल में 368, अल्मोड़ा में 519, चमोली में 295, उत्तरकाशी में 209, पौड़ी में 324, ऊधमसिंह नगर में 18, हरिद्वार में 367 और देहरादून में 405 हेल्थ कैंप शामिल होंगे।
शिविरों में गैर संचारी रोगों जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, एनीमिया और सिकल सेल की जांच की जाएगी। गर्भवती महिलाओं को परामर्श और बच्चों को टीकाकरण की सुविधा भी मिलेगी। रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए एनएसएस, स्काउट्स-गाइड्स, रोवर्स-रेंजर्स और रेडक्रॉस के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
स्वास्थ्य शिविरों में टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ 10 हजार निःक्षय मित्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि सामुदायिक सहभागिता से टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय और रेखीय विभागों के अधिकारियों से अपील की कि वे भी निःक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के इलाज में सहयोग दें। उन्होंने बताया कि इस अभियान में निजी मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, मिशन निदेशक एनएचएम मनुज गोयल, अपर सचिव स्वास्थ्य रीना जोशी, अनुराधा पाल, सलाहकार डॉ. तृप्ति बहुगुणा, अपर निदेशक डॉ. आर. एस. बिष्ट, डॉ. कुलदीप मर्तोलिया, डॉ. अजय नागरकर, डॉ. तुहिन कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।