
शिमला/देहरादून : हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा शिमला में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हिमालयी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच सहकारिता ऐसा माध्यम है, जो यहां की तकदीर बदल सकता है। उन्होंने कहा कि यहां की भौगोलिक विषमताएं कई बार विकास में बाधा बनती हैं, लेकिन सहकारिता ग्राम्य जीवन, महिला सशक्तिकरण, कृषि, दुग्ध उत्पादन और लघु उद्योगों को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकती है।
डॉ. रावत ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश मिलकर सहकारी बैंकों और समितियों में व्यावसायिक नवाचार पर काम करेंगे और इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ मंत्र को आत्मसात करते हुए बहुआयामी कार्ययोजनाएं लागू की हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत अब तक 11,19,852 लाभार्थियों और 6,251 स्वयं सहायता समूहों को 6812 करोड़ रुपये ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। सहकारी समितियों और बैंकों में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण भी दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और माधो सिंह भंडारी सहकारी सामूहिक खेती योजना से किसानों और महिलाओं को लाभ मिल रहा है। मिलेट मिशन के अंतर्गत मंडुवा, झंगोरा और रामदाना जैसी स्थानीय फसलों को उचित मूल्य दिलाकर किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। सहकारी बैंकों में व्यावसायिक नवाचार को बढ़ावा देकर उन्हें राष्ट्रीयकृत बैंकों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है।
डॉ. रावत ने बताया कि स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड कॉपरेटिव फेडरेशन द्वारा कंप्लीट वेल्यू चेन की स्थापना कर स्थानीय स्तर पर रेशमी वस्त्रों को ‘दून सिल्क’ ब्रांड नाम से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसकी बाजार में बड़ी मांग है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार सहकारिता विभाग के माध्यम से 3 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक प्रदेशभर में विभिन्न थीमों पर सहकारी मेलों का आयोजन करेगी। ये मेले किसानों, काश्तकारों, कारीगरों, युवाओं और महिला समूहों को बाजार उपलब्ध कराएंगे और सहकारिता को नया आयाम देंगे।
सम्मेलन में देशभर के सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ ही आरबीआई, नाबार्ड, अमूल, इफ्को, नाफेड, एनसीडीसी समेत विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।