
देहरादून/दिल्ली : उत्तराखंड के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को देश के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मंत्री सतपाल महाराज ने उपराष्ट्रपति को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उन्हें उत्तराखंड आने का औपचारिक निमंत्रण भी सौंपा।
भेंटवार्ता के दौरान सतपाल महाराज ने उपराष्ट्रपति को उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र में हो रहे तीव्र विकास कार्यों और नई संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को ‘आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र’ बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इस क्रम में चारधाम यात्रा मार्गों के विस्तार, धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, ग्रामीण पर्यटन के विकास और होम-स्टे योजनाओं के माध्यम से आमजन को पर्यटन से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सतपाल महाराज ने उपराष्ट्रपति को विशेष रूप से उत्तराखंड के पौराणिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व से भी अवगत कराया। उन्होंने कार्तिकेय स्वामी मंदिर का उल्लेख करते हुए बताया कि यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां से हिमालय की श्रेणियों का अद्भुत दृश्य भी दिखाई देता है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अत्यंत आकर्षण का केंद्र है। साथ ही, उन्होंने अल्मोड़ा जनपद में स्थित प्रसिद्ध लखुड़ियार गुफा का भी उल्लेख किया, जहाँ के प्रागैतिहासिक शैलचित्र मानव सभ्यता के प्रारंभिक काल के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। उन्होंने बताया कि इन गुफाओं में उकेरे गए चित्र हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव की अनमोल धरोहर हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य सरकार उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य, योग-ध्यान केंद्रों, धार्मिक तीर्थों और साहसिक गतिविधियों को एकीकृत रूप से बढ़ावा देकर ‘एक राज्य–अनेक अनुभव’ की परिकल्पना पर कार्य कर रही है। उन्होंने उपराष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे स्वयं उत्तराखंड की यात्रा कर इस धरती के प्राकृतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव का अनुभव करें।
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने उत्तराखंड के प्रति अपने स्नेह और सम्मान की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि सदैव से देश की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रही है। उन्होंने सतपाल महाराज द्वारा राज्य में किए जा रहे पर्यटन और सांस्कृतिक विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि वे उचित समय पर उत्तराखंड का दौरा करने के लिए उत्सुक हैं।
मुलाकात के अंत में सतपाल महाराज ने उपराष्ट्रपति को उत्तराखंड की पारंपरिक कृतियाँ एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के धार्मिक पर्यटन स्थलों के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश और दुनिया के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित कर सके।