
नवी मुंबई : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में इतिहास रचते हुए आईसीसी महिला विश्व कप का खिताब जीत लिया। फाइनल मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर वह मुकाम हासिल किया, जिसका सपना टीम ने कई वर्षों से देखा था। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस संघर्ष, धैर्य और जज्बे की कहानी है जिसने भारतीय महिला क्रिकेट को नई पहचान दिलाई है।
टीम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि “लड़कियों ने न केवल इतिहास रचा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐसी प्रेरणादायक विरासत छोड़ी है जो उन्हें इस खेल की ओर आकर्षित करेगी।” गंभीर ने कहा कि भारतीय टीम ने 2005 और 2017 में दो बार फाइनल तक पहुँचने के बावजूद खिताब से चूक गई थी, लेकिन इस बार खिलाड़ियों की परिपक्वता, रणनीति और आत्मविश्वास ने सफलता की नई कहानी लिखी।
फाइनल मुकाबले में शैफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के हरफनमौला प्रदर्शन ने भारत की जीत की नींव रखी। शैफाली की दमदार पारी और दीप्ति की शानदार गेंदबाजी ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस जीत को “देश की बेटियों की मेहनत और विश्वास की जीत” बताया। उन्होंने कहा कि “हमने इस दिन का सपना लंबे समय से देखा था, और आज जब वह सपना साकार हुआ है, यह पल हमारे देश की हर लड़की को बड़े सपने देखने की हिम्मत देगा।”
विराट कोहली ने भी सोशल मीडिया पर टीम को बधाई देते हुए लिखा, “लड़कियों ने इतिहास रचा है। यह जीत सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि भारत की हर बेटी के आत्मविश्वास की जीत है। आपकी मेहनत ने आने वाली पीढ़ियों के लिए राह बना दी है। शाबाश टीम इंडिया!” उन्होंने इस पल को भारतीय क्रिकेट का सबसे गर्वित क्षण बताया।
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने इस उपलब्धि को भारतीय खेल इतिहास में मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने कहा, “1983 में जब पुरुष टीम ने विश्व कप जीता था, तब एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने की प्रेरणा मिली थी। आज वही प्रेरणा महिला टीम ने दी है। उन्होंने देशभर की युवा लड़कियों के दिल में यह विश्वास जगाया है कि वे भी विश्व चैंपियन बन सकती हैं।”
देशभर में महिला टीम की इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ‘#WomenInBlue’ और ‘#ChampionsIndia’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। प्रशंसक खिलाड़ियों की जीत पर गर्व व्यक्त कर रहे हैं और स्टेडियम के बाहर “भारत माता की जय” और “हरमन की टीम अमर रहे” जैसे नारे गूंज रहे हैं।
इस जीत ने साबित कर दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी भी मायने में दुनिया की किसी टीम से पीछे नहीं है। यह केवल एक टूर्नामेंट की जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला खिलाड़ियों की मेहनत, संघर्ष और सपनों की परिणति है — जिसने देश के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।







