
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार सुबह कैंची धाम में बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन करेंगी। सुरक्षा की दृष्टि से कैंची धाम मंदिर समिति की ओर से सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। दर्शन के बाद राष्ट्रपति नैनीताल पहुंचेंगी, जहां वे कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस दौरान राष्ट्रपति 18 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान करेंगी।
इससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राजभवन की 125वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने राजभवन के वर्चुअल टूर का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल टूर के माध्यम से आम लोग अब घर बैठे ही इस ऐतिहासिक भवन की स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे। राजभवन के वर्चुअल भ्रमण की सुविधा अब governoruk.gov.in वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
कार्यक्रम के दौरान राजभवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें नैनीताल की गौरवशाली विरासत, राजभवन की स्थापत्य भव्यता और इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रपति भवन भारत गणराज्य की गरिमा का प्रतीक है, उसी तरह राज्यों के राजभवन लोकतांत्रिक व्यवस्था की भावना को सशक्त करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद नैनीताल का यह ऐतिहासिक राजभवन राज्य की प्रगति और समृद्धि का अभिन्न प्रतीक बन चुका है।
राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री, कुलपति, विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, छात्र-छात्राएं और विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह के दौरान नैनीताल की सांस्कृतिक धरोहर और स्थापत्य सौंदर्य को दर्शाने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे राष्ट्रपति ने सराहा और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयासों की प्रशंसा की।






