

देहरादून: राजधानी में तीन दिवसीय गोरखा दशैं.दीपावली महोत्सव एवं राजकीय मेले का शुभारंभ नेपाल के राजदूत डॉ0 शंकर प्रसाद ने किया। इस अवसर पर वातावरण बांसुरी और ढोलक की मधुर धुनों से गूंज उठा। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान गणेश की वंदना से हुई, जिसके बाद सिंधुली कलाकार समूह नेपाल ने मनमोहक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए। नेपाली संस्कृतिए परंपरा और लोककला की झलक से पूरा परिसर सराबोर हो उठा।
राजदूत डॉ0 शंकर प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल की साझा सांस्कृतिक विरासत दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का आधार है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को आपसी सहयोग और सांस्कृतिक संवाद को प्रोत्साहित करने वाला बताया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राम सिंह भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान गोरखा कल्याण समिति की ओर से आयोजित आकर्षक मेले और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। मंच पर गोरखाली गीतों और लोकनृत्यों की प्रस्तुति से दर्शक भावविभोर हो उठे। नेपाल से आए कलाकारों ने अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति दी, जिससे दोनों देशों की साझा संस्कृति की एक सुंदर झलक देखने को मिली।

इस अवसर पर गोरखा कल्याण समिति की संरक्षक व पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सारिका प्रधान ने कहा कि ‘गोरखा समाज की संस्कृति और परंपराएं हमारे प्रदेश की सामाजिक संरचना की आत्मा हैं। इस महोत्सव के माध्यम से न केवल हमारे युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलता हैए बल्कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक संबंध भी और अधिक प्रगाढ़ होते हैं। हमें अपनी संस्कृति को सहेजना और आगे बढ़ाना होगा, क्योंकि यही हमारी पहचान है।’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और समाज के सहयोग से ऐसे आयोजन हर वर्ष और अधिक भव्य रूप में किए जाने चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी सांस्कृतिक धरोहर से प्रेरणा ले सकें।

महोत्सव में ब्रिगेडियर आरएस थापा, कैंट सीईओ डा0 हरेन्द्र सिंह, कर्नल आदित्य श्रीवास्तव, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, उोईवाला के ब्लॉक प्रमुख गौरव सिंह,गोरखा कल्याण समिति की संरक्षिका व पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यंत्री सुश्री सारिका प्रधान, वीर गोरखा कल्याण समिति के संरक्षक मेग बहादुर, थापा, मेजर वीपी थापा, मेजर अमर राई, अध्यक्ष कमल थापा, महासचिव विशाल थापा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष उर्मिला तमांग, उपाध्यक्ष सूर्य विक्रम शाही, कोषाध्यक्ष टेेकु थापा,सचिव देवेन शाही, सह सचिव आशु थापा, संस्कृतिक सचिव देव कला दीवान, सह सांस्कृतिक सचिव करमिता थापा,संगठन मंत्री लोकश बन,सोनू गुरूंग, पूरन बहादुर थापा, यामू राना, ज्योति राना, बबिता गुरूंग, एन बी थापा, बुद्धेश राई, मीना गुरूंग सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि गोरखा समाज की संस्कृति अपने आप में अनूठी और गौरवशाली है, जिसे इस महोत्सव के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान आकर्षक झांकियां, पारंपरिक व्यंजन, हस्तशिल्प और लोककला की प्रदर्शनी भी लगाई गई। आयोजन में महिलाओं की सहभागिता विशेष रूप से देखने को मिली, जिन्होंने पारंपरिक परिधान पहनकर सांस्कृतिक झांकी में हिस्सा लिया।दीपावली पर्व के साथ आयोजित इस गोरखा महोत्सव ने देहरादून में एकता, संस्कृति और भाईचारे का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंत में पारंपरिक गीत ‘मन लाग्यो मेरो हिमालै’ की धुन पर पूरा सभागार थिरक उठा। नेपाली और भारतीय गोरखा समुदाय के लोगों ने मिलकर इस आयोजन को संस्कृति और सौहार्द का यादगार पर्व बना दिया।






