

लेखिका:आशी प्रतिभा
आत्मविश्वास से भरी जलेवी ,
बोल रही थी इस जल थल में,,,,,,,
नियमों को न हम तोड़ेंगे ,,,,
हम अपनी हिम्मत न छोड़ेंगे ,,,,,,,,,,,
आज फिर से जलेवी मुस्कुराई ,,,,,,,
वास्तविक सच से श्रेष्ठ मिठाई कहलाई
कई लोगों ने जोर लगाया,
जलेवी को न टिकने देंगे
चोर चोर के शोर से ही
इसको नहीं अब बिकने देंगे
पर जलेबी सत्ता पर भारी
गठबंधन की तोड़ी सब पारी
फिर से जलेबी का दौरा आ गया
भगवा रंग से ही कमल खिला गया …
जय जय कार कर रहे झूठों की टोली
जलेवी के आगे फीकी, रह गई हर बोली
जलेवी को भी सौभाग्य मिला ,
मीठा होकर ,सत्य का आभार मिला
@आशी प्रतिभा








