
देहरादून : त्यूणी की रीना चौहान और बांग्लादेशी युवक ममून हसन का मामला अब सरल प्रेम-प्रसंग से आगे बढ़कर बहुआयामी जांच का विषय बन गया है। दून पुलिस द्वारा 20 नवंबर को गिरफ्तार किए गए दो संदिग्ध दंपतियों से पूछताछ के दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्होंने मामले को और गंभीर बना दिया है।
जांच में खुलासा हुआ कि रीना चौहान, जो भारत में हिंदू के रूप में जीवन जी रही थी, बांग्लादेश जाकर अपनी पहचान बदल चुकी थी। बांग्लादेश की एजेंसियों से मिले आधिकारिक दस्तावेजों में उसका नाम फरजाना अख्तर दर्ज है। उसके बांग्लादेशी जन्म प्रमाणपत्र और निवास प्रमाण में वह बुर्के में दिखाई देती है। यह पहचान परिवर्तन केवल निजी रिश्तों का परिणाम नहीं, बल्कि कानूनी और सुरक्षा पहलुओं से भी जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है।
रीना और ममून की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। ऑनलाइन दोस्ती जल्द ही प्रेम में बदल गई और ममून पर्यटन वीज़ा लेकर भारत पहुंच गया। यहां दोनों कई महीनों तक साथ रहे। इस दौरान रीना ने अपने पूर्व पति सचिन से जुड़े दस्तावेजों का उपयोग कर ममून के लिए पहचान संबंधी कागज़ तैयार करवाए। पुलिस के अनुसार, कुछ रिश्तेदारों ने भी इस प्रक्रिया में सहयोग किया।
इसके बाद, जब रीना बांग्लादेश गई, तो उसके पति ममून ने वहाँ फरजाना अख्तर नाम से उसके नए दस्तावेज बनवाए और दोनों ने निकाह कर लिया। भारत में रीना पारंपरिक हिंदू प्रतीक—जैसे मंगलसूत्र—का उपयोग करती थी, जबकि बांग्लादेश में वह पूरी तरह इस्लामी परिधान में दिखती थी।
पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियाँ अब इस पूरे घटनाक्रम की जांच केवल व्यक्तिगत रिश्तों तक सीमित नहीं रख रही हैं। पहचान छिपाने, दस्तावेज़ बदलने और दो देशों में अलग-अलग धर्म व अलग-अलग पहचान के साथ रहने जैसी गतिविधियों को संभावित एंटी-नेशनल कोण से भी परखा जा रहा है।एसएसपी अजय सिंह ने कहा है कि हर पहलू गहराई से जांच के दायरे में है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे संभव हैं।





