
देहरादून : कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित ‘संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ’ अभियान एक बड़े राजनीतिक संदेश के साथ सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े नेताओं और विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभा के दौरान संविधान की मूल भावना, लोकतांत्रिक व्यवस्था और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में लोकतंत्र को मजबूत बनाना केवल राजनीतिक उद्देश्य नहीं, बल्कि देशहित का प्रश्न है।
कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने संबोधन में संविधान की अहमियत पर विस्तृत रूप से बात की। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व के बड़े लोकतंत्रों में इसलिए खड़ा है क्योंकि हमारे पास एक मजबूत संविधान है जो सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यदि संविधान जैसा मजबूत आधार हमारे पास न होता, तो परिणाम पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों की तरह अस्थिरता और अव्यवस्था के रूप में सामने आते। उनके अनुसार यह केवल राजनीतिक दलों की लड़ाई नहीं, बल्कि देश की आत्मा को सुरक्षित रखने का मुद्दा है और इसके लिए कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता को आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के तहत स्थापित संस्थाओं को कमजोर करने के प्रयास देश के भविष्य के लिए घातक हो सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता के अधिकारों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही लोकतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर रही है और आगे भी इस जिम्मेदारी को निभाती रहेगी।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आज देश में जो माहौल बन रहा है, उसमें आम नागरिकों से लेकर विपक्ष की आवाज को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि संविधान देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम करता है और उस पर किसी भी तरह का प्रहार भारत की नींव को कमजोर करने के समान है। इसलिए संविधान और लोकतंत्र की रक्षा केवल राजनीतिक मंच का आह्वान नहीं, बल्कि देशभक्ति का कर्तव्य है।
अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कहा कि कमजोर वर्गों, वंचित समुदायों और पिछड़े वर्गों को अधिकार तभी सुनिश्चित होते हैं जब संविधान मजबूत रहे और उसकी मूल भावना पर अमल हो। उन्होंने कहा कि सामाजिक समानता और न्याय का रास्ता संविधान से होकर ही गुजरता है और इसी कारण इसकी रक्षा के लिए जन आंदोलन आवश्यक है।
आंदोलन के इस कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। मंच से बार-बार यह संदेश दिया गया कि आने वाले समय में संविधान और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जनता को जागरूक करना कांग्रेस का प्रमुख लक्ष्य रहेगा। सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि देश के नागरिकों को यह समझाना आवश्यक है कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि जनता की स्वतंत्रता, न्याय और अधिकारों की गारंटी है।
पूरे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाना और आने वाले दिनों में व्यापक अभियान चलाने की योजना तैयार करना रहा। सभा के समापन पर नेताओं ने संकल्प लिया कि संविधान की रक्षा के लिए पार्टी हर स्तर पर संघर्ष करेगी और इस अभियान को गांव-गांव तक ले जाया जाएगा।






