
लालकुआं : हल्दूचौड़ इलाके में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां प्रतिष्ठित व्यवसायी दुमका ट्रेडर्स के स्वामी रमेश दुमका (65) और उनकी पत्नी कमला दुमका (50) ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी का कारण बन गई है। बुधवार सुबह घर के अन्य सदस्यों को जब यह पता चला, तो परिवार शोक और सदमे में डूब गया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने दोनों शवों को पंखे से उतारकर जांच शुरू की।
पुलिस के अनुसार, दंपत्ति के शव घर के पहले मंजिल पर स्थित अलग-अलग कमरों में पंखों से लटके मिले। घटनास्थल से किसी प्रकार का हंगामा, संघर्ष या बाहरी दबाव के संकेत नहीं मिले हैं। घर के अन्य सदस्यों ने बताया कि रात में किसी तरह की आवाज या गतिविधि नहीं हुई, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह घटना देर रात शांतिपूर्वक अंजाम दी गई। इतना बड़ा कदम अचानक उठाए जाने से परिवार और परिचित स्तब्ध हैं।
प्रारंभिक जांच और करीबी लोगों से मिली जानकारी के आधार पर यह सामने आया है कि रमेश दुमका लंबे समय से आर्थिक संकट और व्यापारिक कर्ज के बोझ से जूझ रहे थे। व्यवसाय में आई लगातार गिरावट और लगातार बढ़ते कर्ज की वजह से वे काफी मानसिक तनाव में थे। परिवार के नज़दीकी लोगों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से रमेश दुमका बेहद अवसाद में रहने लगे थे और कई बार मानसिक दबाव को लेकर बात भी की थी। माना जा रहा है कि इन्हीं परिस्थितियों ने दंपत्ति को आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर किया होगा।
फिलहाल पुलिस को घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मौके से एकत्र किए गए साक्ष्यों की पड़ताल जारी है। पुलिस का कहना है कि घटना के कारणों की पूरी पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही की जा सकेगी। परिवार के सदस्यों और आसपास के लोगों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं, ताकि वास्तविक स्थिति और घटनाक्रम स्पष्ट हो सके।
रमेश दुमका स्थानीय व्यापार जगत में एक जाने-माने नाम थे और “दुमका ट्रेडर्स” के माध्यम से व्यापारिक क्षेत्र में उनकी अच्छी पहचान थी। उनकी और पत्नी कमला दुमका की अचानक मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरे कारोबारी समुदाय में शोक और अविश्वास की स्थिति है। स्थानीय लोग भी इस घटना से गहरे सदमे में हैं, क्योंकि दंपत्ति अपनी मिलनसार और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे।
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। वहीं परिवार में शोक की लहर है और मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते रमेश दुमका मानसिक दबाव और आर्थिक संकट के बारे में खुलकर बात कर पाते या सहायता मिल पाती, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी।





