
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ मेला न केवल विश्वस्तरीय धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि उत्तराखंड की प्राचीन लोक परंपरा, आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को बड़े पैमाने पर प्रदर्शित करने का अवसर भी बनेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार कुम्भ में प्रदेश की देवडोलियों, लोकदेवताओं के प्रतीकों और चल विग्रहों के दिव्य स्नान तथा भव्य शोभायात्रा को विशेष स्थान दिया जाएगा। इसके लिए व्यवस्थाएं पूरी गरिमा, उत्साह और भव्यता के साथ सुनिश्चित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेला भारत की सनातन परंपरा का महापर्व है, जो मानव समाज को आध्यात्मिकता, सेवा एवं संस्कृति के मार्ग पर अग्रसर करता है। हरिद्वार में 2027 के कुम्भ मेले में पहली बार बड़ी संख्या में देवडोलियों और लोक देवताओं की शोभायात्रा आयोजित करने की योजना राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव को वैश्विक मंच पर स्थापित करने वाली साबित होगी। विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली देवडोलियों का दिव्य स्नान और शोभायात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव देगा बल्कि उत्तराखंड के लोक विश्वास, मान्यताओं और परंपराओं को नई पहचान भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में इस विषय पर देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रतिनिधिमंडल में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हर्षमणी व्यास सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि कुम्भ मेला 2027 में देवडोलियों की शोभायात्रा के लिए सुरक्षा, आवागमन, ठहराव एवं आयोजन स्थल पर विशेष व्यवस्थाएं की जाएं ताकि आस्था के इस विशेष आयोजन में कोई व्यवधान न आए।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि कुम्भ मेला प्रशासन, पुलिस, संस्कृतिक विभाग और अन्य संबंधित संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश और योजनाएं तैयार की जाएंगी। उन्होंने कहा कि देवडोलियों और लोकदेवताओं की उपस्थिति कुम्भ मेले की पवित्रता और आकर्षण को और अधिक दैदीप्यमान करेगी और देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड के धार्मिक वैभव के साक्षी बन सकेंगे।
सरकार जल्द ही देवडोलियों की शोभायात्रा के रूट प्लान, समय-सारिणी, आवश्यक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप देने की दिशा में कार्य करेगी। आगामी दिनों में संबंधित विभागों और आयोजन समिति के साथ बैठक आयोजित कर व्यवस्थाओं को धरातल पर उतारने की तैयारी भी शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेला 2027 को ऐतिहासिक, भव्य और दिव्य रूप देने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।




