
हरिद्वार : जिला अस्पताल में एक बार फिर मोर्चरी प्रणाली की बदइंतजामी उजागर हो गई है। शुक्रवार रात पोस्टमार्टम के लिए लाए गए ज्वालापुर की पंजाबी धर्मशाला के मैनेजर लखन शर्मा उर्फ लकी (36) का शव रातभर मोर्चरी में रखा रहा, लेकिन सुरक्षा और साफ-सफाई के अभाव के कारण रात के दौरान शव को चूहों ने बुरी तरह कुतर दिया। शनिवार सुबह परिजन पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे तो चेहरे, सिर और एक आंख पर गहरे घाव के निशान देखकर दंग रह गए। मोर्चरी के अंदर चूहों की आवाजाही साफ दिखाई देने पर परिजन और अन्य लोग आक्रोशित हो उठे और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
पंजाबी धर्मशाला में मैनेजर के रूप में कार्यरत लखन शर्मा की शुक्रवार शाम अचानक हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। रात को परिजन शव को जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन देर होने की वजह से पोस्टमार्टम शनिवार सुबह तय किया गया था। परिजनों का कहना है कि मोर्चरी में शव की देखरेख के लिए न तो कोई स्टाफ मौजूद था और न ही सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय नेता और काफी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचे। मोर्चरी के बाहर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कड़ी नारेबाजी होती रही। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जिला अस्पताल में वर्षों से सफाई और रखरखाव की खामियां सामने आती रही हैं, लेकिन विभाग सुधार के बजाय आंखें मूंदे बैठा है।
हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया गया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और मोर्चरी की व्यवस्था की जिम्मेदारी तय की जाएगी। हालांकि परिजन और प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मौके पर देर से पहुंचने को भी घोर लापरवाही करार देते रहे।
घटना के बाद मोर्चरी की स्थिति और जिला अस्पताल के प्रबंधन पर फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। परिजन दोषियों के निलंबन और मोर्चरी की सुरक्षा व्यवस्था के तत्काल सुधार की मांग पर अड़े हुए हैं। अधिकारियों की कार्रवाई का इंतजार करते हुए दिनभर रोष बना रहा।




