
भवाली : पिछले माह सेकेंड हैंड स्कॉर्पियो खरीदने के बाद परिवार के साथ बाबा नीम करौरी महाराज के दर्शन के लिए निकले एक परिवार को कैंची धाम रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे ने जिंदगी भर का दर्द दे दिया। बृहस्पतिवार सुबह बरेली से कैंची धाम जा रहे राहुल पटेल ने एक ही झटके में अपनी मां, पत्नी और साली को खो दिया। यह हादसा न केवल तीन जिंदगियों का अंत बना, बल्कि कई रिश्तों की डोर भी हमेशा के लिए टूट गई।
राहुल पटेल ने बताया कि परिवार के सदस्य लंबे समय से बाबा नीम करौरी महाराज के दर्शन की इच्छा जता रहे थे। इसी आस्था के साथ पूरा परिवार 145 किलोमीटर का सफर तय कर भवाली पहुंचा था। भवाली के पास कैंची धाम की ओर से आ रही एक कार को रास्ता देने के प्रयास में उनकी स्कॉर्पियो अनियंत्रित हो गई और सीधे नदी में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि राहुल की मां गंगा देवी, पत्नी बृजेश कुमारी (26) और साली नैंसी गंगवार (24) की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे में राहुल के बेटे ऋषि पटेल (7), स्वाति (20), ज्योति (25), करन (30) और अक्षय गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को पहले भवाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हल्द्वानी और बाद में बरेली के प्रेमनगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ घायलों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
भवाली सीएचसी में उपचार के दौरान घायल ऋषि बार-बार अपनी मां, दादी और मौसी को पुकारता रहा। मासूम ऋषि का रो-रोकर अपनी मां के बारे में पूछना वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर गया। डॉक्टरों और स्टाफ ने उसे संभालते हुए सब ठीक होने का भरोसा दिलाने का प्रयास किया।
इस हादसे ने एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी रामगढ़, ज्योलीकोट और आमपड़ाव जैसे क्षेत्रों में वाहन खाई में गिरने की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। मैदानी इलाकों से आने वाले सैलानियों के लिए पहाड़ों की तीखी मोड़ों वाली सड़कें चुनौती बनती जा रही हैं।
परिवहन विभाग ने बढ़ते हादसों को देखते हुए रानीबाग क्षेत्र में टीम तैनात करने का निर्णय लिया है, जो निजी वाहन चालकों को पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर जागरूक करेगी। वहीं, भवाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ और महिला डॉक्टरों की कमी भी सामने आई, जिसके चलते घायलों को समय पर समुचित उपचार नहीं मिल सका। इस पर परिजनों ने सवाल उठाते हुए स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने की मांग की है।






