टिकट वितरण पर चले मंथन की मैराथन रेस में दोनो ही पार्टियों के पसीने छूट गये हैं। आपको बता दें कि आज नाम वापसी का दिन है। खतरे को भांपते हुए दोनों पार्टियों ने बागियों को मनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। अगर पार्टियों का यह प्रयास कामयाब नहीं हुआ तो दोनों पार्टियें बागियों को बाहर बाहर का रास्ता दिखायेंगे।
आपको बता दें कि भाजपा में राज्य की 16 विधानसभा सीटों पर 22 और कांग्रेस से 13 बागियों ने नामांकन कराया है। कल तक दोनों पार्टियां बागियों की मान.मनौव्वल में जुटे रहे। हालांकि, सूत्रों के अनुसार इसमें बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई थी।वहीं भाजपा ने अपने पार्टी सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्रों में बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। कल कपकोट में मुख्यमंत्री धामी टिकट न मिलने से खफा पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया को मनाने में कामयाब रहे।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत कालाढुंगी से नामाकंन करा चुके पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट को मनाने के लिए हल्द्वानी पहुंचे थे। त्रिवेंद्र ने गजराज को मना लिया। गजराज बिष्ट ने कहा कि वह सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लेंगे।पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार व सांसद तीरथ रावत पर गढ़वाल संसदीय सीट के तहत आने वाली विधानसभा क्षेत्रों के बागियों को मनाने का जिम्मा है छोड़ा है।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी कोटद्वार तथा डोईवाला सीट के बागियों के संपर्क में हैं। बलूनी ने सौरभ थपलियाल और सुभाष भट्ट से बातचीत की और उन्हें लगभग मना लिया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य बागियों ने भी नामांकन वापस लेने का भरोसा दे दिया है। सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार टिहरी संसदीय क्षेत्र के बागियों के संपर्क में हैं।