देहरादून: झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे से सबक लेते हुए उत्तराखण्ड सरकार भी अलर्ट हो गई है। अब प्रदेश में संचालित सभी रोपवे में सुरक्षा मानकों की हर छह महीने में जांच होगी। आपको बता दें कि मुख्य सचिव डॉ0एसएस संधू ने ब्रिडकुल के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को रोपवे का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे के बाद उत्तराखण्ड सरकार रोपवे की सुरक्षा को अब हर छह महीने में निरीक्षण करेगी जिसमें यह देखा जाएगा कि रोपवे में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। उत्तराखण्ड में रोपवे सेफ्टी आडिट के लिए सरकार जल्द ही नई एसओपी तैयार करेगी जिसमें रोपवे के संचालन और सुरक्षा मानकों को सख्त किया जाएगा।
मालूम हो कि वर्तमान में उत्तराखण्ड के छह स्थानों पर रोपवे हैं इसमें औली, मसूरी, चंडी देवी, मंसा देवी, नैनीताल और सहस्त्रधारा में रोपवे चल रहे हैं। इसके अलावा छह अन्य स्थानों पर रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। उत्तराखण्ड में रोपवे संचालन के लिए पहले से रोपवे सेफ्टी आडिट के नियम बने हैं इसमें रोपवे के लिए लाइसेंस व्यवस्था,संचालन में सुरक्षा मानक निर्धारित हैं।
देवधर रोपवे हादसे के बाद गृह मंत्रालय की ओर से भी सुरक्षा मानकों के लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं इसके तहत अब प्रदेश सरकार भी रोपवे सेफ्टी ऑडिट के लिए नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) तैयार करने जा रही है। जिसमें रोपवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियम सख्त किए जाएंगे।
ब्रिडकुल अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव आरके सुधांशु का कहना है कि मुख्य सचिव की ओर से दिए निर्देशों का पालन किया जाएगा। रोपवे संचालन के पहले से एक्ट बना हुआ है, लेकिन रोपवे सेफ्टी आडिट के लिए नई एसओपी तैयार की जाएगी।
राज्य के पर्यटन और धार्मिक स्थल पर पर्यटकों व यात्रियों को आसानी से पहुंचने के लिए सरकार रोपवे निर्माण पर फोकस है इसके लिए सरकार की ओर से कई स्थानों को रोपवे से जोड़ने की योजना है। जिसमें देहरादून से मसूरी, ऋषिकेश-नीलकंठ, केदारनाथ, खरशाली से यमुनोत्री शामिल हैं।