नैनीताल: कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में जहां मेधावी छात्र छात्राओं को मेडल प्रदान किए गए वहीं शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। दाक्षांत कार्यक्रम का शुभारंभ कुलाधिपति राज्यपाल ले0ज0 (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह तथा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ0 धनसिंह रावत ने किया।
डीएसबी परिसर के एएन सिंह हॉल में आयोजित कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शैक्षिक शोभायात्रा का स्वागत किया गया। जिसके बाद राष्ट्रगान और कुलगीत की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान कुलपति प्रो0 एनके जोशी ने समारोह के संबंध में जानकारी रखी। जिसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत ने कहा कि कुमाऊं विवि लगातार प्रगति के पथ पर है, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड के इतिहास को भी शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा जसूली देवी का इतिहास भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय को 10 हजार नई किताबें देने का आश्वासन भी दिया साथ ही विश्वविद्यालय में स्मार्ट क्लास बनाने की बात कही। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड स्वयं में सैन्य धाम व देव धाम है उन्होंने कहा कि कोविड के दौर में जहां शिक्षण कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित थे तो वहीं कुमाऊं विवि ने एक से बढ़कर एक उपलब्धियां अपने नाम की हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय की ओर से गांव गोद लिए जाने की पहल भी अपने आप में अनूठी है।