प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में बंगाल के दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की थी। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापे के अलावा ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की।पार्थ चटर्जी को जांच के सिलसिले में करीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा,पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे। सीबीआई उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है।
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है। एजेंसी ने एक कमरे के अंदर भारी मात्रा में नकदी का ढेर लगे होने की चार तस्वीरें भी साझा कीं।इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने छापेमारी को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की चाल बताया। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी।
यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने व डराने.धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही मंत्रियों से पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं। अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा टीएमसी नेताओं और उनके करीबी लोगों ने लाखों योग्य युवाओं को धोखा दिया और गैर.पात्र लोगों को उनकी नौकरी दे दी। सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।