देहरादून : उत्तराखण्ड में नेता या अफसर जितना भी दावा कर लें लेकिन डेंबू है कि काबम में आ ही नहीं रहा है। शासन व स्वास्थ बिभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद भी एडीज मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। आलम ये है कि डेंगू का ग्राफ हर दिन तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहा है। हाल ये है कि डेंगू के केस मैदान से लेकर पहाड़ तक आ रहे हैं। कल भी प्रदेश के सात जिलों में डेंगू के 98 नए मामले मिले हैं, जिनमे सबसे ज्यादा 54 मामले पौड़ी जिले में मिले हैं।
देहरादून में 14,चंपावत में नौ, हरिद्वार में आठ, ऊधम सिंह नगर में छह, चमोली में पांच और नैनीताल में दो लोग में डेंगू की पुष्टि हुई है। नैनीताल जिले में डेंगू पीड़ित एक मरीज की मौत भी हुई है। आपको बता दें कि उत्तराखण्ड में अब तक डेंगू के 2328 मामले आए हैं, जिनमें 1956 लोग स्वस्थ हो गए हैं। मौजूदा वक्त में डेंगू के 357 मामले सक्रिय हैं। उत्तराखण्ड में डेंगू पीड़ित 15 मरीजों की मौत भी हुई है। देहरादून में तेरह और नैनीताल में दो मरीजों की मौत हुई है, इतना ही नहीं देहरादून जिला डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित है।
यहां पर अभी तक 902 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। पौड़ी गढ़वाल में 457, हरिद्वार में 395, नैनीताल में 367, ऊधम सिंह नगर में 69, चमोली में 49,चंपावत में 39, टिहरी गढ़वाल में 17, रुद्रप्रयाग में 14, बागेश्वर में दस व अल्मोड़ा में नौ मामले आए हैं। शुरुआत में देहरादून समेत अन्य मैदानी जिलों में ही मच्छर ज्यादा कहर बरपा रहा था, लेकिन अब पहाड़ में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय व जिला प्रशासन के अधिकारी दावा करते नहीं थक रहे हैं कि डेंगू नियंत्रण के लिए हर स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। विभागीय टीमें घर-घर पहुंचकर लोगों का जागरूक कर रही हैं। पर डेंगू की रोकथाम के तमाम दावों पर मच्छर भारी पड़ रहा है।