बरगद-पीपल जैसे पेड़ों की उम्र काफी लंबी होती है। भारत में रह रहे लोगों ने अपने-अपने शहरों में इन पेड़ों को लगे हुए देखा होगा। बरगद की जटाएं कई बार इतनी लटक जाती हैं कि जमीन को छूने लगती हैं और उसी में घुसकर अपने आप एक नया पेड़ बना लेती हैं। पर इन तमाम पुराने पेड़ों के बीच क्या आपने सोचा है कि आखिर दुनिया का सबसे पुराना बरगद का पेड़ कहां है और वो कितना पुराना है? चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।
आउटलुक ट्रैवलर और टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का सबसे पुराना बरगद का पेड़ 500 साल पुराना है और वो भारत में ही मौजूद है। ये पेड़ उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में है। बुलंदशहर के नारोरा में ये पेड़ है। इससे पहले सबसे पुराने बरगद के पेड़ की उपाधि कोलकाता में स्थित आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बोटैनिक गार्डेन शिबपुर में मौजूद एक पेड़ को मिली थी जो 350 साल पुराना बताया जाता था। पर जब वैज्ञानिकों ने बुलंदशहर के पेड़ की जांच की तो रेडियोकार्बन डेटिंग के जरिए पता चला कि ये पेड़ 450 से 500 साल पुराना है।
साइज की बात करें तो ये बरगद का पेड़, दुनिया के सबसे पुराने बरगद के पेड़ों में से एक है। पेड़ का ऊपरी हिस्सा 4069 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पेड़ की सिर्फ 4 जड़े हैं जो उसके मुख्य तने को सहारा दिए हुए हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने माना कि भारत में बरगद के पेड़ का बहुत महत्व है, इसे कल्पवृक्ष कहा जाता है। आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि भारत में ही दुनिया का सबसे बड़ा बरगद का पेड़ भी है जिसे थिमम्मा मारीमानू कहते हैं और ये आंध्रा प्रदेश में स्थित है। ये 19 हजार स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है।
Sources:News18