एक मशहूर नाटककार ने कहा था- “नाम में क्या रखा है!” पर सच तो ये है कि नाम में बहुत कुछ है, क्योंकि इंसान हो या कोई सामान, अगर उनका नाम गलत लिया जाए, या फिर भ्रामक नाम हो तो काफी कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो जाती है। अब तेल को ही ले लीजिए। लोगों को सरसों का तेल, नारियल का तेल, जैतून का तेल आदि अपने सोर्स के हिसाब से हैं, तो लोगों को समझ आ जाता है कि वो सरसों, नारियल या जैतून से बनते हैं।
पर जब बात आती है मिट्टी के तेल की, तो लोग कन्फ्यूज हो सकते हैं कि क्या वो मिट्टी से बनता है!ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर मिट्टी का तेल क्या होता है और उसका अजीबोगरीब नाम क्यों पड़ा?बात करने वाले हैं मिट्टी के तेल के बारे में। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर किसी ने सवाल किया- “केरोसिन ऑयल को मिट्टी का तेल क्यों कहते हैं?” सवाल तो रोचक है, इस वजह से लोगों ने काफी रोचक जवाब भी दिए हैं। चलिए आपको बताते हैं।
इस वजह से कहते हैं मिट्टी का तेल
आर वी पंडित नाम के यूजर ने कहा- “केरोसिन को भारत में “मिट्टी का तेल” या “घासलेट” कहते हैं। ये दोनों नाम विदेशी नामों से प्रभावित हैं। यूरोप-अमेरिका के केरोसिन पर जलने वाले “गैस लाइट” जब भारत आए तो लोगों ने उसके लिए काम आने वाले तेल का नाम बिगाड़ कर “गैसलाइट” को “घासलेट” कर दिया। वैसे ही जब उन्हें पता लगा कि केरोसिन (पैट्रोलियम) जमीन से निकाला जाता है, तो उसका नामकरण कर दिया मिट्टी से निकला इस लिए “मिट्टी का तेल”। “पेट्रोलियम” लैटिन भाषा का शब्द है, लैटिन मे पैट्रा अर्थात ‘चट्टान’ व ओलियम अर्थात ‘तेल’।
इससे एक अंग्रेजी शब्द बना “रॉक ऑइल”। उससे मराठी में कैरोसिन हेतु प्रचलित शब्द बना “रॉकेल”। नरेंद्र शर्मा नाम के यूजर ने कहा- “केरोसिन आयल को मिट्टी का तेल इसलिए कहते हैं क्योंकि यह धरती की कोख से खनन करके निकाला जाता हैं। भूमि अर्थात् मिट्टी और भूमि का गुण है गन्ध जो खनिज तेल में भी पाया जाता है। रासायनिक क्रियाओं एवं आसवन के द्वारा इसको प्राप्त किया जाता है। ”
कोरा पर लोगों ने दिया सही तर्क
हिन्दी में फैक्ट्स से जुड़ी कुछ वेबसाइट्स ने भी केरोसिन का ऐसा नाम होने के पीछे वही तर्क दिया है लोगों ने कोरा पर बताया है। डी-सोर्स नाम की एक वेबसाइट में बताया गया कि केरोसिन जमीन से निकलता है, इस वजह से उसे मिट्टी का तेल कहते हैं।
Sources:News 18