डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की 22 साल पुराने हत्या मामले में बरी कर दिया। उच्च न्यायालय ने यह आदेश गुरमीत राम रहीम द्वारा अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली अपील के जवाब में जारी किया। आपको बता दें कि 2002 में रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और इस मामले में पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने 18 अक्टूबर 2021 को राम रहीम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हालांकि, अब चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए डेरा प्रमुख समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है। जैसा कि आपको मालूम ही है ये घटना 10 जुलाई 2002 की है, जब उस समय प्रबंधन समिति के सदस्य रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा व्यापक जांच के बाद, रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने पुलिस जांच से असंतोष के कारण 2003 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और सीबीआई जांच की मांग की।
इसके बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया। अक्टूबर 2021 में, सीबीआई ने मामले के संबंध में राम रहीम सहित पांच व्यक्तियों को दोषी ठहराया। 22 साल पुराने इस हत्याकांड में बरी होने के बावजूद राम रहीम की जेल से रिहाई की संभावना नहीं है। वह वर्तमान में कई अन्य मामलों में सजा काट रहा है। गौरतलब है कि राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा छत्रपति हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है । नतीजतन, वह इन मामलों में अपनी सजा काटता रहेगा, जिससे उसकी जेल से तत्काल रिहाई पर रोक लग जाएगी।