पहले से ही रूस यूक्रेन,इजरायल.गाजा के जंगी मोर्चे चल रहे हैं। अब ताइवान के करीब चीनी ड्रिल ने एक नए जंगी मोर्चे को हवा दे दी है। चीन का ताइवान पर किसी भी वक्त हमला हो सकता है। ताइवान के चारों तरफ चीन की मिलिट्री ड्रील हो रही है। पीएलए की ड्रिल में आर्मी, नेवी शामिल है। युद्धाभ्यास के बाद से ताइवान और अमेरिका में अलर्ट जारी है। चीन इसे दंडात्मक युद्धाभ्यास बता रहा है। 16 मई को पुतिन का चीन दौरा होता है। 20 मई को ताइवान के नए राष्ट्रपति लाइ चिंग ते की शपथ के बाद से चीन बौखला गया है। जिसके बाद चीन की वॉर ड्रिल शुरू हो गई।
जिसके बाद से सवाल उठने लगे कि क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है। दोनों पक्षों द्वारा जारी वीडियो फुटेज के अनुसार, अभ्यास के दौरान चीनी युद्धक विमान और जहाज खतरनाक तरीके से ताइवानी सैन्य हार्डवेयर के करीब आ गए। शुक्रवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) तक समाप्त हुए पिछले 24 घंटों में ताइवान के आसपास कम से कम 49 चीनी विमानों, 19 जहाजों और सात तट रक्षक जहाजों का पता लगाया गया। 35 विमानों ने मध्य रेखा को पार किया और द्वीप के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश किया।
चीन ने कहा कि सैन्य अभ्यास का उद्देश्य बाहरी ताकतों द्वारा हस्तक्षेप और उकसावे के खिलाफ गंभीर चेतावनी देना है। पहली बार, चीनी सशस्त्र बलों ने किनमेन, मात्सु, वुकिउ और डोंगयिन द्वीपों को भी घेर लिया है। ये द्वीप चीनी तट के करीब पड़ते हैं। पर्यवेक्षकों ने कहा कि चल रहे सैन्य अभ्यास ने ताइवान पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का अनुकरण किया। पीएलए के अनुसार, चीनी जहाजों और विमानों ने अपनी संयुक्त वास्तविक युद्ध क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए ताइवान की द्वीप श्रृंखला को पार किया। पीएलए ने कहा कि यह अभ्यास द्वीप पर सत्ता पर कब्ज़ा करने की उसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए बनाया गया है।