तिरुवनंतपुरम: कुवैत अग्निकांड में मरने वाले केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है, जबकि दक्षिणी राज्य के सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का खाड़ी देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। केरल के अनिवासी लोगों से संबंधित ‘ नोरका रूट्स ’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। केरल के अनिवासी लोगों (नोरका) से जुड़े विभाग का गठन वर्ष 1996 में राज्य सरकार द्वारा किया गया था। इस विभाग का गठन भारत और विदेशों में बसे केरल के अनिवासी लोगों की शिकायतों का समाधान करने और उनके साथ एक स्थायी साझेदारी स्थापित करना के उद्देश्य से किया गया।
नोरका विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अजीत कोलासेरी ने कहा कि कुवैत में उसकी हेल्प डेस्क द्वारा अनौपचारिक रूप से दी गई जानकारी के अनुसार, हताहत हुए लोगों में केरल के रहने वालों की संख्या बढ़ रही है। सुबह यह संख्या 12 थी, इसके बाद यह 19 हुई और अब 24 हो गई है। इससे पहले केरल सरकार ने कहा था कि उसे मिली जानकारी के अनुसार इस अग्निकांड में केरल के 19 लोगों की मौत हुई है। अजीत कोलासेरी ने संवाददाताओं को बताया कि गंभीर रूप से घायल सात केरलवासियों का कुवैत के विभिन्न अस्पतालों की गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) में इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कई घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। अधिकारी ने कहा कि इस अग्निकांड के पीड़ितों के नाम और उनसे जुड़ी जानकारी विदेश मंत्रालय से पुष्टि के बाद ही उपलब्ध कराई जा सकेगी। नोरका हेल्प डेस्क भारतीय दूतावास और कुवैत के अस्पतालों के शवगृह विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि अग्निकांड में जान गंवाने वालों के शवों को वापस लाने के लिए कागजी कार्रवाई को पूरा करने में तेजी लाई जा सके।
कुवैत के अधिकारियों के अनुसार, यहां के अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ में स्थित सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में करीब 40 भारतीयों सहित 49 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए हैं। यह आग रसोईघर में बुधवार सुबह करीब चार बजे लगी, जिस वक्त 195 श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे। कुवैत के गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग लगने से चारों ओर काला धुआं भर गया और ज्यादातर पीड़ितों की दम घुटने से मृत्यु हो गई।