
अफगानिस्तान के सीमावर्ती प्रांत पक्तिका में पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमले में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेट खिलाड़ियों सहित आठ लोगों की मौत हो गई है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बताया कि मारे गए खिलाड़ियों की पहचान कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून के रूप में की गई है। ये तीनों खिलाड़ी उरगुन से पक्तिका प्रांत के शाराना इलाके में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलने गए थे और मैच समाप्त होने के बाद जब वे वापस लौट रहे थे, तभी उन्हें निशाना बनाया गया। इस हमले में पांच अन्य नागरिकों की भी मौत हुई। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस हमले को “पाकिस्तानी शासन द्वारा किया गया कायराना और अमानवीय कृत्य” बताया है।
क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि यह घटना न केवल अफगानिस्तान के खेल जगत के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी क्षति है। एसीबी ने मारे गए खिलाड़ियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की मौत ने अफगान क्रिकेट को अपूरणीय नुकसान पहुंचाया है। इस घटना के विरोध में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ प्रस्तावित त्रिकोणीय क्रिकेट श्रृंखला से अपना नाम वापस लेने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि खेल हमेशा शांति और भाईचारे का प्रतीक रहा है, लेकिन इस तरह के हमले ने मानवता को शर्मसार कर दिया है।
अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान राशिद खान ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के हालिया हवाई हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और खिलाड़ियों की मौत से वह बेहद व्यथित हैं। राशिद खान ने कहा कि नागरिक ठिकानों पर हमला पूरी तरह अनैतिक, अमानवीय और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इस तरह की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों को कठोर सज़ा दी जाए।
राशिद खान ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पाकिस्तान के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला से हटने के फैसले का समर्थन किया और कहा कि ऐसे समय में राष्ट्रीय गौरव और देश की गरिमा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल खेल भावना का प्रतीक है बल्कि अपने देश के प्रति एकजुटता का संदेश भी है।
अफगानिस्तान के वरिष्ठ खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि पाकिस्तान का यह कृत्य खेल और मानवता दोनों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल अफगान खिलाड़ियों पर, बल्कि पूरे अफगानिस्तान क्रिकेट परिवार पर एक सीधा आघात है। नबी ने कहा कि अफगान क्रिकेट समुदाय अपने खोए हुए साथियों को कभी नहीं भूल पाएगा और उनकी स्मृति हमेशा खेल के मैदान पर जीवित रहेगी।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि खेल और खिलाड़ी हमेशा शांति, एकता और सहयोग के प्रतीक होते हैं, लेकिन जब राजनीति और हिंसा खेल की सीमाओं को पार कर जाती है, तो उसका असर पूरे समाज पर गहरा पड़ता है। अफगानिस्तान के क्रिकेट जगत ने जिस दर्दनाक हादसे का सामना किया है, उसने देशभर में शोक और आक्रोश दोनों को जन्म दिया है।