
लखनऊ : बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी का खेल लगातार बढ़ रहा है। नगर निगम की व्यवस्था के तहत यहां विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार पूरी तरह निशुल्क है, लेकिन कुछ ऑनलाइन एजेंसियां इसे कमज़ोरियों का फायदा उठाते हुए लोगों से 22,000 रुपये तक वसूल रही हैं। यह स्थिति न केवल नागरिकों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि लोगों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ कर रही है।
नगर निगम के पर्यवेक्षक रवि सिंह ने स्पष्ट किया कि निगम की ओर से किसी भी प्रकार की ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग नहीं की जाती। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे झांसे में न फंसें और अंतिम संस्कार की बुकिंग कराने से पहले निगम की आधिकारिक जानकारी की पुष्टि करें। रवि सिंह ने बताया कि 21 अक्टूबर को महानगर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उनके परिचित, रिटायर्ड कर्नल मनोज पंत ने “लास्ट जर्नी” नामक ऑनलाइन एजेंसी से वैकुंठधाम में अंतिम संस्कार के लिए बुकिंग कराई, जिसके बदले उन्हें 22,000 रुपये वसूल किए गए।
जांच में यह पता चला कि यह एजेंसी फरीदाबाद से संचालित हो रही थी। रवि सिंह ने एजेंसी से स्वयं संपर्क किया और ग्राहक बनकर बातचीत की। एजेंसी प्रतिनिधि ने 22,000 रुपये का पैकेज बताया और आवश्यक सामग्री की सूची भी भेजी। इसके अलावा यह भी सामने आया कि एजेंसी स्थानीय स्तर पर डालीगंज स्थित एक अंतिम संस्कार सामग्री विक्रेता के साथ कमीशन के आधार पर काम कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी पहले 10,000 रुपये अग्रिम रूप से अपने खाते में जमा कराती है और फिर स्थानीय विक्रेता को अंतिम संस्कार की व्यवस्था सौंप देती है। इस रकम से गाड़ी, लकड़ी और पूजन सामग्री की व्यवस्था कराई जाती है। जब रवि सिंह ने इस वसूली पर कार्रवाई की चेतावनी दी, तो विक्रेता ने आगे से ऐसी व्यवस्था न करने का आश्वासन दिया।
नगर निगम ने नागरिकों को सावधान करते हुए बताया कि लकड़ी से अंतिम संस्कार कराने पर भी नगर निगम की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। गाड़ी, लकड़ी, पूजन सामग्री, पंडे और सफाई आदि का कुल खर्च अधिकतम 10,000 रुपये तक ही आता है। निगम किसी भी प्रकार की ऑनलाइन बुकिंग नहीं करता, इसलिए नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस तरह के ऑनलाइन रैकेट से सावधान रहें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के ठगी के मामलों में लोग अपनी भावनाओं और संवेदनशीलता का फायदा उठाने वाले अपराधियों का शिकार बनते हैं। अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील अवसर पर जब परिवार मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं, तब उनकी सहजता और भरोसे का दुरुपयोग किया जाता है। यह स्थिति दर्शाती है कि लोगों की सोच किस हद तक बदल गई है और आज के समय में तकनीक का दुरुपयोग कितनी बड़ी चुनौती बन गया है।
नगर निगम ने पुनः अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन एजेंसी के झांसे में न आएं, सभी बुकिंग और अंतिम संस्कार की सुविधाओं के लिए सीधे निगम कार्यालय या आधिकारिक माध्यम से ही संपर्क करें। नागरिकों को चाहिए कि वे इस तरह की ठगी के मामलों में सतर्क रहें और अपने परिवार और प्रियजनों की अंतिम विदाई को सुरक्षित और ईमानदारी के साथ सुनिश्चित करें।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के बावजूद लोगों में जागरूकता और सावधानी की कमी कितनी गंभीर समस्या बन गई है। ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाते हुए ठगी करने वाले रैकेट आज समाज में लोगों की भावनाओं और आस्था से खेल रहे हैं। ऐसे में नागरिकों के लिए सबसे जरूरी है सतर्क रहना, आधिकारिक जानकारी की पुष्टि करना और किसी भी आकर्षक ऑफर या पैकेज में तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचना।
बैकुंठधाम की यह घटना न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि मानसिक और भावनात्मक चोट का उदाहरण है। नागरिकों की संवेदनाओं के साथ खेलना, उनके विश्वास को तोड़ना और उनका दुख बढ़ाना आज के समय में एक गंभीर सामाजिक चुनौती बन गया है। नगर निगम और प्रशासन इस दिशा में लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन अंतिम जिम्मेदारी नागरिकों की सतर्कता और समझदारी पर ही निर्भर करती है।






