
जोधपुर : जोधपुर की प्रतिभाशाली बेटी वैशाली माथुर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि परिश्रम, लगन और दृढ़ संकल्प के बल पर कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित केंद्रीय पुलिस संगठन (CPO) परीक्षा के परिणाम में वैशाली ने देशभर की महिला श्रेणी में दूसरा स्थान और कुल मिलाकर 16वीं रैंक हासिल की है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ ही उनका चयन दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ है।
मध्यमवर्गीय कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाली वैशाली माथुर के पिता अनिल माथुर एक व्यवसायी हैं, जबकि माता विनीता माथुर गृहिणी हैं। परिवार में शिक्षा और संस्कारों का गहरा वातावरण रहा है, जिसका प्रभाव वैशाली के व्यक्तित्व में स्पष्ट झलकता है। उनकी इस शानदार सफलता से न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान ने गर्व महसूस किया है।
साहित्यकार और अणुव्रत लेखक मंच के सदस्य सुनील कुमार माथुर ने बताया कि वैशाली बचपन से ही अत्यंत मेधावी छात्रा रही हैं। वह हमेशा कुछ नया सीखने की जिज्ञासा रखती हैं और कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच बनाए रखती हैं। सादगी, विनम्रता और आत्मविश्वास से भरे उनके व्यक्तित्व ने उन्हें हर क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाई है।
वैशाली का मानना है कि —
“जीवन में जो भी अनुभव मिले, उससे कुछ न कुछ सीख अवश्य लेनी चाहिए। अगर आगे बढ़ने की तमन्ना सच्ची हो, तो दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति हर बाधा को पार करने की ताकत दे देती है।”यह उपलब्धि वैशाली की तीसरी सरकारी नियुक्ति है। वर्तमान में वह कोलकाता में एनसीसी एयरविंग में कैडेट इंस्ट्रक्टर के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वह सीजीएल परीक्षा के माध्यम से पोस्टल असिस्टेंट पद के लिए भी चयनित हो चुकी हैं। उनके इस लगातार प्रदर्शन ने यह संदेश दिया है कि मेहनत और आत्मविश्वास के सामने कोई भी मंज़िल बड़ी नहीं होती।
साहित्यकार सुनील माथुर ने कहा कि वैशाली जैसी युवतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने नारी शक्ति के सम्मान और क्षमता को एक नई पहचान दी है।जोधपुर की यह बेटी आज उन तमाम युवाओं के लिए उदाहरण बन चुकी है, जो अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं। उनकी सफलता ने यह साबित किया है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में दृढ़ निश्चय हो, तो सफलता खुद रास्ता बना लेती है।









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