
बाराबंकी : सोमवार की रात देवा-फतेहपुर मार्ग पर हुआ एक भीषण सड़क हादसा पूरे इलाके को दहला गया। कल्याणी नदी पुल के पास संकरे मार्ग पर तेज रफ्तार ट्रक और अर्टिगा कार की आमने-सामने टक्कर में पति-पत्नी समेत आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की भयावहता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि टक्कर के बाद कार के परखचे उड़ गए और कई शव गाड़ी के अंदर ही फंसे रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर के समय ऐसा लगा मानो किसी ने जोरदार धमाका किया हो। स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे तो दृश्य देखकर सहम गए।
मृतकों की पहचान मौलवीगंज निवासी सराफा कारोबारी प्रदीप रस्तोगी (55), उनकी पत्नी माधुरी रस्तोगी (52), पुत्र नितिन रस्तोगी (30), पुत्र कृष्ण रस्तोगी (15), चालक श्रीकांत (40), मोहम्मदपुर खाला निवासी बालाजी (45), मोहम्मदपुर खाला के इंद्र कुमार (60) और विष्णु के रूप में हुई है। इनमें से छह लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि दो लोगों ने लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
घटना के संबंध में बताया गया कि फतेहपुर कस्बे के भाजपा नेता गिरधर गोपाल की नई कार प्रदीप रस्तोगी ने सोमवार सुबह परिवार के साथ गंगा स्नान के लिए बिठूर जाने हेतु ली थी। वे प्रसन्न मन से निकले थे और कहा था कि शाम तक गंगा मैया के दर्शन कर लौट आएंगे, लेकिन शाम ढलते-ढलते उनके लौटने की खबर नहीं बल्कि मौत की सूचना आई। फतेहपुर और मौलवीगंज में यह खबर पहुंचते ही कोहराम मच गया। लोगों का विश्वास नहीं हो रहा था कि सुबह खुशियों से भरा परिवार कुछ घंटों बाद हमेशा के लिए खामोश हो जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक इतनी तेज रफ्तार से आ रहा था कि ब्रेक लगाने के बाद भी वह कुछ दूरी तक घिसटता चला गया। टक्कर के बाद चालक ट्रक छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। हादसे के बाद सड़क पर लगभग दो घंटे तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही।
सूचना मिलते ही जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। देर रात तक राहत और बचाव कार्य चलता रहा। क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को अलग किया गया और शवों को बाहर निकाला गया। सड़क पर जमा भीड़ और वाहनों के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस को मार्ग साफ कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
रात भर रस्तोगी परिवार के घर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। दुकानें बंद हो गईं और रिश्तेदारों व परिचितों की भीड़ घर के बाहर उमड़ पड़ी। महिलाएं बिलख-बिलखकर रो रही थीं, तो पुरुषों की आंखों में अविश्वास और गहरा दुख झलक रहा था। पूरे इलाके में मातम का माहौल था। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।







