
देहरादून : अस्पायर सर्कल द्वारा अपने आमंत्रण-आधारित वार्षिक आयोजन अस्पायर रिट्रीट एंड कॉनवोकेशन (ARC 2025) का आयोजन UPES विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। इस कार्यक्रम में अस्पायर सर्कल के फेलोज़, स्कॉलर्स, सामुदायिक नेता, सदस्य और वक्ता शामिल हुए। अस्पायर सर्कल भारत में उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव के लिए जाना जाने वाला एक अग्रणी मंच है, और ARC इसका द्विवार्षिक प्रमुख आयोजन माना जाता है।
तीन दिनों तक चले इस आयोजन में देशभर से आए 100 से अधिक फेलोज़, परिवर्तनकारी विचारक और चिंतनशील नेता एकत्र हुए। कार्यक्रम में गहन संवाद, प्रेरक पठन सत्र, नेतृत्व पैनल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल रहीं। इसका उद्देश्य था ‘प्रबुद्ध सामाजिक नेतृत्व’ की भावना को सशक्त बनाना और उद्देश्यपूर्ण परिवर्तन के लिए प्रेरणा देना।
इस रिट्रीट का एक विशेष आकर्षण था अस्पायर फेलोज़ का दीक्षांत समारोह, जिसमें वर्षभर के दार्शनिक शिक्षण, सामुदायिक योगदान और सहयोगात्मक उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया। आयोजन के पहले दिन का केंद्र बिंदु रहा मौन चिंतन और उद्देश्यपूर्ण संवाद। उद्घाटन सत्र में सूक्ष्म मुख्य भाषणों के माध्यम से ‘सीकर का द्वंद्व – कब प्रतीक्षा करें और कब क्रियान्वयन करें’ जैसे विचारोत्तेजक विषय प्रस्तुत किए गए। इसके बाद हुए पैनल सत्र में नेतृत्व, उद्यमिता और सामाजिक प्रभाव के क्षेत्र में धैर्य और तात्कालिकता के संतुलन पर गहन चर्चा हुई।
UPES के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने कहा कि ARC 2025 की मेज़बानी विश्वविद्यालय के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन UPES के शैक्षणिक मिशन और राष्ट्र निर्माण की भावना से गहराई से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “इन तीन दिनों में हमने देखा कि आत्मचिंतन और गहन विमर्श किस प्रकार निर्णायक कार्रवाई के साथ सह-अस्तित्व में रह सकते हैं। हमारा उद्देश्य ऐसे नेताओं को तैयार करना है जो यह जानें कि कब रुककर सुनना और सीखना है, और कब साहस व स्पष्टता के साथ आगे बढ़ना है।”कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों ने इसे एक अनोखा अनुभव बताया, जिसने न केवल विचारों को दिशा दी, बल्कि नेतृत्व की नई परिभाषा को भी उजागर किया।







