
देहरादून : उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह के अवसर पर आज देहरादून पहुंचे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को राष्ट्रीय पटल पर सम्मानित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की। उन्होंने उत्तराखंड डाक परिमंडल द्वारा जारी की गई राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों और सांस्कृतिक प्रतीकों पर आधारित विशेष डाक टिकट श्रृंखला का विमोचन किया। यह श्रृंखला उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को एक साथ समेटे हुए है, जो न केवल राज्य की पहचान को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी बल्कि देश-दुनिया के सामने उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और आस्था की झलक भी प्रस्तुत करेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की धरती सिर्फ आस्था की नहीं बल्कि अध्यात्म, संस्कृति और साहस की भूमि भी है। यहां की घाटियाँ, नदियाँ, मंदिर और लोक परंपराएँ भारत की प्राचीन सभ्यता का जीवंत प्रतीक हैं। डाक टिकटों की यह श्रृंखला आने वाली पीढ़ियों को राज्य की गौरवशाली धरोहर से जोड़ने का कार्य करेगी। उन्होंने इस पहल के लिए डाक विभाग की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रयासों से उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य के किसानों के लिए भी एक बड़ी सौगात दी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत उन्होंने 28,000 से अधिक किसानों के बैंक खातों में ₹62 करोड़ से अधिक की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से जारी की। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, अत्यधिक वर्षा, सूखा या अन्य फसल क्षति की स्थितियों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सहायता न केवल किसानों को राहत प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें अपनी कृषि गतिविधियों को आत्मविश्वास और स्थिरता के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसान पहाड़ों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी अन्न उत्पादन का कार्य करते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे कदम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में किसानों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं — जिनमें कृषि तकनीकी सुधार, जैविक खेती को प्रोत्साहन और पर्वतीय कृषि उत्पादों के लिए राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ पर आधारित एक विशेष प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर उत्तराखंड की धार्मिक आस्था का केंद्र है और भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा यहीं संपन्न होती है। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आगमन प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखने के साथ-साथ आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड आने वाले वर्षों में “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के संकल्प को साकार करेगा।
कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लोगों में इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर उत्साह देखा गया। विशेष डाक टिकट श्रृंखला के विमोचन ने उत्तराखंड के धार्मिक तीर्थों और सांस्कृतिक धरोहरों को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ने का कार्य किया है। वहीं किसानों के बैंक खातों में सीधे राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया ने केंद्र सरकार की डिजिटल और पारदर्शी शासन व्यवस्था के संकल्प को और मजबूती प्रदान की है।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। समारोह में प्रदेश की विविध सांस्कृतिक झलकियाँ भी प्रस्तुत की गईं, जिनमें उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा और लोकगीतों की अद्भुत प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।
इस तरह उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष का यह आयोजन न केवल विकास के नए संकल्पों का प्रतीक बना, बल्कि प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और आस्था को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक यादगार कदम साबित हुआ।







