
देहरादून : अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे कड़े अभियान के तहत पुलिस ने दो बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया है। जांच में पता चला कि इनमें से एक महिला ने भारत में लंबे समय से फर्जी पहचान पर रहकर न केवल दस्तावेज तैयार करवाए, बल्कि अपना पूरा व्यक्तित्व बदलकर स्थानीय स्तर पर खुद को स्थापित भी कर लिया था।हिरासत में ली गई पहली महिला का असली नाम बबली खातून बताया जा रहा है, जो कोविड-19 काल के दौरान अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आई थी। भारत आने के बाद उसने अपनी पहचान बदलकर खुद को भूमि शर्मा के रूप में पेश किया और इसी नए नाम पर आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत कई दस्तावेज बनवा लिए।
प्रारंभिक जांच में ये सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। इतना ही नहीं, उसने देहरादून में एक स्थानीय हिंदू युवक से विवाह भी कर लिया, जिससे उसकी नई पहचान और मजबूत हो गई थी। फर्जी पहचान और दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से देश में रहने पर पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब यह भी खंगाल रही है कि किन लोगों की मदद से उसने इतनी व्यवस्थित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों को भी पुलिस जल्द चिन्हित करेगी।
दूसरी महिला, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया है, वर्ष 2023 में बांग्लादेश से अवैध रूप से बॉर्डर पार कर भारत आई थी। वह देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में मजदूरी कर रही थी। दस्तावेज़ी पहचान और वैध कागज़ न होने के कारण उसे भारत सरकार की प्रक्रिया के अनुसार नियमानुसार जल्द ही बांग्लादेश वापस भेजा जाएगा।अवैध रूप से भारत में प्रवेश और फर्जी पहचान बनाने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए देहरादून पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी अभियान—ऑपरेशन कालनेमि—के तहत अब तक जिले में अवैध रूप से रह रहे 17 बांग्लादेशी नागरिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।
इनमें से 8 नागरिक फर्जी दस्तावेज तैयार कराने और देश में अवैध रूप से रहने के अपराध में जेल भेजे गए हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जा रही है और बाहरी राज्यों व खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय कर निगरानी और कड़ी की जाएगी।पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान बदलकर रह रहे लोगों की गतिविधियों पर निगरानी बनाए रखने के लिए भी आवश्यक कदम है। अधिकारी यह भी मानते हैं कि ऐसे मामलों के पीछे संगठित गिरोहों की भूमिका हो सकती है, जो धन लेकर विदेशियों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश दिलाते हैं और फिर उन्हें पहचान बदलने के तरीकों में मदद करते हैं। आने वाले दिनों में पुलिस ऐसे नेटवर्क की पहचान कर कठोर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।





