
चम्पावत: उत्तराखंड के गंगोलीहाट क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने बरात की खुशियों को मातम में बदल दिया। शेरा घाट के पास हुए इस सड़क दुर्घटना में एक महिला सहित कुल पांच बरातियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की खबर से चंपावत और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बरात शेरा घाट से पाटी चंपावत आई थी और रात करीब 2:30 बजे वापस लौट रही थी। लौटते समय शेरा घाट के पास बरातियों से भरी जीप अचानक अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भीषण था कि वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया तथा उसमें सवार कई लोग जीप में ही दब गए।
घटना की सूचना स्थानीय निवासियों द्वारा पुलिस व प्रशासन को दी गई, जिसके बाद रात में ही राहत व बचाव अभियान शुरू किया गया। अंधेरा और दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद पुलिस व एसडीआरएफ टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद मृतकों और घायलों को वाहन से बाहर निकाला। मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। घटना के बाद संबंधित परिवारों में चीख-पुकार मच गई और पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल बन गया।
हादसे में घायल पांच लोगों में से चार का इलाज लोहाघाट अस्पताल में चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद निगरानी में रखा है। वहीं एक घायल की हालत अत्यंत गंभीर होने के कारण उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार गंभीर घायल व्यक्ति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
प्रशासन की ओर से बताया गया कि दुर्घटना के सही कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार वाहन तेज गति या सड़क पर अचानक आए मोड़ के चलते अनियंत्रित हो सकता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शेरा घाट क्षेत्र का यह मोड़ पहले भी दुर्घटनाओं का कारण बन चुका है, इसलिए इस मार्ग पर सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किए जाने की आवश्यकता है।
घटना के बाद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना व्यक्त की है और घायलों के उपचार की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की है। परिवारजन और ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
खुशीभरे उत्सव से लौट रही बरात पर आई इस त्रासदी ने पूरे इलाके को गहरे दुख में डाल दिया है। मृतकों की पहचान और उनके गांवों की जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं परिजनों के साथ मिलकर की जा सकें। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी दुख जताते हुए घायलों के लिए रक्तदान और अन्य सहयोग का हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है।




