देहरादून: हाल ही में उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। ऐसा लगा कि कहीं न कहीं भीतरघात हुआ है क्योंकि चुनाव के दौरान कुछ विधायकों ने अपने ही लोगों पर इल्जाम जड़ दिये हैं उन विधायकों की बयानबाजी से उत्तराखण्ड प्रदेश भाजपा कई मुहाने पर असहज देखी गई अब उत्तराखण्ड प्रदेश भाजपा ने इस संबंध में साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं। भाजपा संगठन का कहना है कि विधायकों से पूछा जाएगा कि उन्होंने ऐसे बयान क्यों और किन हालातों में दिए। संगठन का कहना है कि तथ्यों व साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार इन विधायकों को तलब करेंगे।
प्रदेश भाजपा इन प्रकरणों का संज्ञान लेकर पहले ही पार्टी हाईकमान को अवगत करा चुकी है। उधर पार्टी की ओर से अपने सभी विधायकों व प्रत्याशियों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि कोई विषय है तो वे इसे पार्टी फोरम में रखें न की उसे सार्वजनिक करें । आपको बता दें कि उत्तराखण्ड भाजपा को मतदान के दिन असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब उनकी पार्टी के विधायक एवं लक्सर सीट से पार्टी उम्मीदवार संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही गंभीर आरोप जड़ दिए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें हराने के लिए कार्य किया है।
आपको बता दें कि विधायक गुप्ता का इससे संबंधित एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि मंगलवार को चम्पावत से विधायक और पार्टी प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी और काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा के बयानों ने पार्टी को फिर परेशानी मे डाल दिया । गौरतलब हे कि गहतोड़ी और चीमा का आरोप है कि कुछ कार्यकर्त्ताओं ने चुनाव में उनके साथ भितरघात किया है।अब पार्टी ने तीनों विधायकों के बयानों से संबंधित आडियो-वीडियो और अखबारों में प्रकाशित खबरों को जुटाना शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस बारे में संबंधित क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से भी जानकारी जुटाई जा रही है। तथ्यों व साक्ष्यों की पड़ताल और विधायकों से पूछताछ के बाद प्रदेश महामंत्री संगठन इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे।उधर भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि तीनों मामलों को लेकर पार्टी गंभीर है। अनुशासनहीनता को किसी ीाी हालत में वरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह उसे पार्टी फोरम में रख सकता है। पार्टी से बाहर कोई विषय रखा जाता है तो यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आएगा।