अबकी बार विधानसभा चुनाव में खासतौर से पहाड़ में मतदान पर पलायन का असर साफ दिखाई दिया । जानकारी के अनुसार पौड़ी और अल्मोड़ा में साक्षरता दर ज्यादा होने के बावजूद यहां मतदान कम हुआ है। खासकर अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा के अन्दा प्रदेश भर में सबसे कम 44 प्रतिशत और दूसरे नंबर पर पौड़ी की चौबट्टाखाल विधानसभा में 44.27 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालांकि,इसकी एक और वजह ठंड का मौसम भी बताया जा रहा है।
उत्तराखण्ड की कुछ पर्वतीय विधानसभा सीटों पर लो वोटिंग पर पूर्व आईएएस एसएस पांगती का कहना है कि पौड़ी और अल्मोड़ा दो ऐसे जिले हैं जो सबसे ज्यादा पलायन हुआ है। हालांकि, कोविड के दौरान कई लोग वापस गांव की ओर लौटे हैं लेकिन समझा ये जा रहा है कि मतदान से पहले ही यह लोग नौकरी के लिए जिले या उत्तराखण्ड से बाहर चले गए।
वहीं दूसरा सबसे बड़ा फैक्टर ये भी रहा कि साक्षरता दर ज्यादा होने के बाद भी इन जिलों की विभिन्न विधानसभा सीटों पर लो वोटिंग का कारण मतदाताओं में मतदान के प्रति उदासीनता भी हो सकती है। पूर्व शिक्षा सचिव बताते हैं कि कई लोगों के वोटर लिस्ट में नाम होते हैं लेकिन वह नौकरी के लिए जिले एवं उत्तराखण्ड से बाहर हैं।
इसके अलावा मौसम भी कम मतदान की वजह हो सकता है।सवाल ये है कि इन जिलों में वोटर लिस्ट का सही से सत्यापन किया जाना चाहिए ये भी देखा जाना चाहिए कि मतदाता सूची में जिन लोगों के नाम हैं वह लोग वास्तव में क्षेत्र में निवास कर रहे हैं या नहीं।
पूर्व शिक्षा सचिव के मुताबिक क्षेत्र के सिटिंग एमएलए या फिर चहेते प्रत्याशी को टिकट न मिलना भी इसकी एक वजह हो सकती है। उत्तराखण्ड की पौड़ी और अल्मोड़ा जिले की विभिन्न विधानसभा सीटों पर कम मतदान फीसद ने उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से हार जीत की गुणा-भाग करने में लगे हैं।