देहरादून: विधानसभा सत्र के अंतिम दिन राज्य की त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल अवधि छह माह से अधिक बढ़ाने संबंधी विधेयक भी पुनर्विचार के लिए सदन के पटल पर रखा गया था जिसे राजभवन ने विधानसभा को लौटाया था। फिलहाल अगले सत्र में इस पर चर्चा होगी।
आपको बता दें कि हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर न होने के कारण सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद गत वर्ष 29 मार्च को ग्राम पंचायतों 16 मई को जिला पंचायत और 10 जून को क्षेत्र पंचायतों में प्रशासक नियुक्त कर दिए थे।
वहीं पंचायतीराज अधिनियम के कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले तक चुनाव न होने की स्थिति में पंचायतों में छह माह तक प्रशासक बैठाए जा सकते हैं। जब प्रशासक कार्यकाल में भी चुनाव नहीं हो पाए तो सरकार ने अध्यादेश जारी कर प्रशासकों का कार्यकाल छह माह आगे बढ़ा दिया।
इसके साथ ही पिछले साल दिसंबर में हुए चौथी विधानसभा के अंतिम सत्र में सरकार ने अध्यादेश को पंचायतीराज द्वितीय संशोधन विधेयक के रूप में पेश कर पारित कराया था । यह विधेयक मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था जिसे राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था।