लखनऊ: यू.पी बोर्ड की 12वीं अंग्रेजी का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 3 पत्रकार भी शामिल हैं। आपको बता दें कि पत्रकारों की गिरफ्तारी होने से विवाद के हालात पैदा हो गये। गोरतलब है कि पुलिस ने पिछले बुधवार को प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में जिन 34 लोगों को गिरफ्तार किया उनमें तीन पत्रकार अजीत कुमार ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता भी शामिल हैं। मालूम हो कि पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर बलिया पुलिस आरोपों के घेरे में आ गई है हालांकि पुलिस इस मामले पर कोई साफ जवाब नहीं दे रही है।
वहीं पेपर लीक मामले में गिरफ्तार पत्रकार दिग्विजय सिंह का एक वीडियो सामने आया था वीडियो में पुलिस जब पत्रकार को गिरफ्तार कर सम्बंधित न्यायालय में पेश करने के लिए ले जा रही थी तब वह जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर रहा था। पत्रकार दिग्विजय सिंह का कहना है कि सबके सामने बलिया प्रशासन का असली चेहरा आ गया है उन्होंने कहा कि सूत्रों के जरिये उन्हें लीक प्रश्नपत्र की प्रति मिली थी जिसे उन्होंने वाराणसी से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित किया था।
सिंह ने कहा कि इसके बाद प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार करवा दिया जबकि पुलिस का यह आपराधिक कृत्य है। बलिया शहर कोतवाली पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक होने के बाद वाराणसी से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचारपत्र के पत्रकार अजीत कुमार ओझा को भी गिरफ्तार किया था पत्रकार ओझा ने गिरफ्तारी के समय संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि उन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने की खबर समाचार पत्र में प्रकाशित की थी, इसके बाद पुलिस उनके समाचारपत्र कार्यालय में पहुंची और कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद कार्यालय में मौजूद पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। वायरल हुए वीडियो पर बलिया पुलिस ने ट्वीट कर सफाई दी है पुलिस ने कहा है कि उपरोक्त व्यक्ति को अब तक की विवेचना में प्राप्त सुबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। अपर पुलिस अधीक्षक विजय त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।