देहरादून: बेरोजगार युवाओं ने सरकार से भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता नहीं करने का आरोप लगाते हुए आज प्रदर्शन करके अपना रोष जताया।आपको बता दें कि उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं चयन आयोग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नोर्मलाईजेशन पद्धति को समाप्त करने की भी मांग की साथ ही आगामी परीक्षाओं को एक पाली में सम्पन्न करवाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया इसमें बड़ी संख्या में युवतियां भी शामिल थीं।
बेरोजगार युवा सरकार से भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता नहीं करने का आरोप लगाते हुए रोष जता रहे थे । युवाओं का कहना है कि तीन पालियों में आयोजित की गयी प्रश्नों को शिलिट कर दिया गया है जबकि कई गलत प्रश्नों को लिया गया है जिससे योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह गये हैं।तीन पालियों के अंकों के नॉर्मलाएप्लीशन के बाद अधिकांश संख्या में चयन केवल दूसरी पाली के अभ्यर्थियों का हुआ है और पहली तथा तीसरी पाली में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या बहुत कम है जिससे इस नॉर्मलाएजेशन की पूरी प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह् लगता है।
नॉर्मलाएजेशन की प्रक्रिया ने एक ही पाली के कुछ अभ्यर्थियों के अंक बढ़ा दिये गये जबकि उसी पाली के कई अभ्यर्थियों के कम कर दिये गये है। इस आधार पर यह प्रक्रिया पूरी तरह से अपारदर्शी संदेहजनक प्रतीत होती।युवाओं का आरीोप है कि इससे पूर्व भी फॉरेस्टर की परीक्षा को 18 पालियों में सम्पन्न कराया गया जिसमें 332 प्रश्न को हटाया गया व नार्मलाइजेशन प्रक्रिया जैसी कई अनियमितता देखने को मिली है जिससे उम्मीदवार चयन से वंचित रह जाते है तथा कम अंक वाले अभ्यर्थी चयन पा लेते है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विगत कई वर्षों से आयोजित की गई कई परीक्षाओं में इस प्रकार की अनियमितताएं देखने को मिली है। उक्त अनियमतताओं के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा कई बार आयोग को फटकार लगाई गई है किंतु बावजूद इसके आयोग द्वारा बार बार इस तरह की गलती की जा रही है।