भारतीय सेना अब अग्निपथ योजना का शुभारम्भ करने जा रही है जिसमें सशस्त्र सेनाओं में अग्निवीरों की भर्ती होगी। वहीं सेना में बने रहे 25 फीसदी सैनिक अगले 15 सालों तक सेना का हिस्सा भी बने रहेंगे इसी के साथ वे पेंशन के भी हकदार होंगे। आपको बता दें कि सेना की यह नई भर्ती प्रक्रिया पर काफी लम्बे अर्से से चर्चाएं जारी हैं।
जैसा कि मालूम हो कि अब रक्षा मंत्रालय, थल सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने भारतीय सेना में भर्ती की एक नई योजना ‘‘अग्निपथ’’ का ऐलान कर दिया है जानकारी के अनुसार इस योजना के अर्न्तगत भर्ती होने वाले सशस्त्र बलों में ‘‘अग्निवीरों’’ के तौर पर शामिल किया जाएगा। वैसे कोरोना महामारी के चलते बीते तकरीबन 2 सालों से अधर में अटकी इस भर्ती प्रक्रिया को ऐलान के बाद अब रफ्तार मिलेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एडमिरल आर हरि कुमार ने नेशनल मीडिया सेंटर में इस नई योजना ‘अग्निपथ’की घोषणा करी है । अब इस नई व्यवस्था में अग्निवीरों के तौर पर सेना में शामिल होने वाले सैनिक चार सालों तक अपनी सेवाएं देंगे हालांकि, इसमें एक अन्य प्रावधान भी शामिल है जिसमें स्क्रीनिंग के एक अन्य दौर के बाद 25 फीसदी सैनिक सेना का हिस्सा बने रहेंगे। चार साल के बाद सेना से निकलने वाले सैनिकों को पेंशन नहीं मिलेगी ऐसे में उन्हें 11 लाख रुपये का पैकेज मिलने की संभावनाएं हैं।
वहीं, सेना में बने रहे 25 फीसदी सैनिक अगले 15 सालों तक सेना में सेवाएं देंगे साथ ही वे पेंशन के भी हकदार होंगे। सेना के वरिष्ठों का मानना है कि इसके फायदे कम नुकसान ज्यादा होंगे। हालांकि सेना में ‘अग्निवीर’ एक अलग रैंक होगी जिसके सैनिक वर्दी पर खास बैज भी पहनेंगे।