देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिवस 16 सितंबर को किसी भी प्रकार का जश्न या औपचारिक आयोजन न करने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस दिन को वे उत्सव की बजाय सेवा और सादगी के साथ बिताना पसंद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्मदिवस जैसे अवसरों पर समाज और जरूरतमंदों की सेवा करना ही सबसे बड़ा उत्सव और संतोष का कारण है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के कई हिस्से हाल ही में आई आपदाओं से प्रभावित हुए हैं और वहां के परिवार बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में समाज का हर वर्ग आगे आकर सहयोग करे तो पीड़ित परिवारों को संबल और आशा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं अपने जन्मदिवस के अवसर पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और आमजन की समस्याओं को समझते हुए राहत और सहायता के प्रयासों में जुटेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, शिक्षा में सहयोग और आपदा राहत जैसे कार्य अत्यंत आवश्यक हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सेवा और त्याग की भावना ही उत्तराखंड की असली पहचान है और यदि हर नागरिक इसी सोच और दृष्टिकोण के साथ कार्य करेगा तो राज्य को हर क्षेत्र में मजबूती और नई ऊर्जा प्राप्त होगी।
धामी ने यह संदेश भी दिया कि समाज में बड़े बदलाव और विकास केवल उत्सवों और समारोहों से नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास और निस्वार्थ सेवा से संभव है। उनका यह निर्णय राज्य में जनसेवा की संस्कृति को और गहराई प्रदान करेगा और लोगों को प्रेरित करेगा कि वे भी अपने जीवन के खास अवसरों को समाजहित और मानवता की सेवा के लिए समर्पित करें।
मुख्यमंत्री का यह कदम राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे न केवल जनता के बीच संवेदनशील नेतृत्व की छवि मजबूत होती है, बल्कि यह संदेश भी जाता है कि सरकार और समाज को मिलकर ही आपदाओं और चुनौतियों का सामना करना चाहिए।