
नई दिल्ली/मथुरा: उत्तर भारत में घने कोहरे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को गंभीर चुनौती बना दिया है। कम दृश्यता के कारण हाईवे और एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे बड़े हादसों ने प्रशासन और यात्रियों दोनों की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार तड़के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में कई वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक यात्री घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा बलदेव थाना क्षेत्र में उस समय हुआ जब आगरा से नोएडा की ओर जा रहे वाहन घने कोहरे के कारण एक-दूसरे से टकरा गए। दृश्यता बेहद कम होने के कारण चालक समय पर ब्रेक नहीं लगा सके। टक्कर के बाद कुछ वाहनों में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई।
सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और राहत टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया, जबकि अन्य यात्रियों को वैकल्पिक सरकारी वाहनों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। दुर्घटना के बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर कुछ समय के लिए यातायात मार्ग भी परिवर्तित करना पड़ा।
एक दिन में कई राज्यों में सड़क हादसे
मथुरा की घटना से एक दिन पहले हरियाणा के रोहतक जिले में ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे पर भी घने कोहरे के कारण कई वाहन आपस में भिड़ गए थे। उस हादसे में भी दो लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों यात्री घायल हुए थे।
इसके अलावा झज्जर जिले में रेवाड़ी रोड पर खड़े ट्रक से एक यात्री बस टकरा गई, जिसमें बस चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
सर्दियों में हाईवे बने जानलेवा
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार सबसे बड़ा खतरा बन जाती है। बार-बार हो रही दुर्घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि ड्राइवरों को विशेष सतर्कता बरतने के साथ-साथ प्रशासन को भी चेतावनी बोर्ड, स्पीड कंट्रोल और पेट्रोलिंग को और सख्त करने की जरूरत है।
लगातार हो रहे हादसों ने यह साफ कर दिया है कि कोहरे के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।







