इस वक्त श्रीलंका आर्थिक संकट के बुरे दौर से गुजर रहा है।लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था की वजह से लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है लिहाजा श्रीलंका के लोगों के निशाने पर वहां की सरकार है। लोग राष्ट्रपति से इस्तीफा मांग रहे हैं जिसके लिए विपक्षी पार्टी की अगुवाई में आंदोलन तेज होता जा रहा है। राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई है जिन्हें काबू करने के लिए वहां की सेना को लगाना पड़ा है। बहरहाल श्रीलंका के आर्थिक संकट की लहर अब भारतीय तटों पर महसूस की जा रही है।
मंगलवार को 16 श्रीलंकाई नागरिक तमिलनाडु के उत्तर में जाफना और मन्नार क्षेत्रों से दो जत्थों में पहुंचे। तीन बच्चों सहित छह शरणार्थियों का पहला समूह रामेश्वरम के तट पर एक द्वीप के पास फंसे हुए थे और तटरक्षक बल ने उन्हें बचाया था। दस लोगों का दूसरा दल देर रात पहुंचा। तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शरणार्थी बेरोजगारी और श्रीलंका में भोजन की कमी की वजह से देश छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। श्रीलंका के उत्तरी तमिल.प्रभुत्व वाले क्षेत्रों की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि यह अभी शुरुआत है। तमिलनाडु में खुफिया अधिकारियों को जानकारी मिली है कि आने वाले हफ्तों में लगभग 2000 शरणार्थियों के आने की संभावना है।