पहाड़ी क्षेत्रों में पद खाली मैदान में मानकों से ज्यादा कर्मचारी
देहरादून: उत्तराखण्ड के पी.डव्लू.डी महकमें का हाल भी अजीबो गरीब है। आपको बता दें कि इस महकमें कुछ ऐसे मिनिस्टीरियल कर्मचारी है जिनके सिर पर अफसरों की रहनुमाई का ऐसे भूत है कि आज तक उनकी कुर्सी पर कोई असर नहीं हुआ है। आपको बता दें कि महकमे में में चंद ऐसे मामले नहीं है बल्कि ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं, जिनमें मुत्तालिक कर्मचारी कनिष्ठ सहायक पद पर भर्ती होने के बाद जरक्की पाकर प्रधान सहायक पद तक पहुच गये लेकिन उनके दिलो दिमाग से राजधानीका मोह नहीं छूट पाया नतीजा ये हुआ कि अब महकमें के अन्दर ऐसे लोगों को लेकर बगावती सुर उठ रहे हैं।
लोनिवि में 350 से अधिक ऐसे मिनिस्टीरियल संवर्ग के कर्मचारी हैं जिनका प्रमोशन दो साल पहले हो चुका है लेकिन यह अब भी उसी कार्यालय में जमे हैं। एक्ट में यह प्रावधान है कि प्रमोशन के साथ संबंधित कर्मचारी का अनिवार्य रूप से स्थानांतरण किया जाएगा। बीते वर्ष विभाग के अधिकारियों ने इन कर्मचारियों को कोरोना का हवाला देकर प्रमोशन तो दे दियाए लेकिन बाद में उसी कार्यालय में ही पदस्थापित कर दिया गया जहां वह तैनात थे।
उस वक्त आदेश में कहा गया था कि जब कोरोना की स्थितियां सामान्य हो जाएंगी तब जिन कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी है उन्हें निर्धारित मानकों के अनुसार वहा स्थानांतरित कर दिया जाएगा। अब जब कोराना संक्रमण को लेकर स्थितियां सामान्य हो चुकी हैं विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता भी समाप्त हो गई है ऐसे में एक बार फिर इन कर्मचारियों के तबादले की मांग जोर पकड़ने लगी है। उत्तरांचल लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विभागाध्यक्ष को पत्र भेजकर ऐसे तमाम कर्मचारियों का तत्काल तबादला किए जाने की मांग उठाई है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष देवलियाल का कहना है कि पदोन्नति पाने वाले तमाम कर्मचारी ऐसे हैं जो दशकों से राजधानी में ही जमे हुए हैं।
वहीं अभियंता,लोनिवि का कहना है किवार्षिक स्थानांतरण के लिए विभागीय स्तर पर समिति का गठन कर दिया गया है। लोनिवि में समूह ख व ग श्रेेणी के कार्मिकों का स्थानांतरण किया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि ऐसे कौन से कर्मी हैं जो वर्षों से एक ही कार्यालय में जमे हुए हैं। नियमानुसार नीति का पालन करते हुए ट्रांसफर किए जाएंगे।
. प्रमोद कुमार, प्रमुख अभियंता, लोनिवि