
मुंबई/देहरादून : सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने महाराष्ट्र प्रवास के दौरान मुंबई में उत्तरांचल महासंघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में उन्होंने महाराष्ट्र में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य एवं शिक्षा से जुड़े विभिन्न संस्थानों का दौरा कर वहां की कार्यप्रणाली की जानकारी भी ली।
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में उत्तरांचल महासंघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा क्षेत्र में शीर्ष पदों पर कार्यरत उत्तराखंड मूल के प्रधानाचार्यों का सम्मान किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर पहाड़ की प्रतिभाएं लगातार अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की प्रतिभाएं जहां भी जाती हैं, अपनी मेहनत, ज्ञान और संस्कारों की बदौलत सम्मान अर्जित करती हैं। आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रवासी उत्तराखंडी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। मुंबई जैसे महानगर में रहकर भी अपनी जड़ों से जुड़े रहना प्रवासी उत्तराखंडियों की सबसे प्रेरणादायी पहचान है।
कार्यक्रम में डॉ. रावत ने महाराष्ट्र के शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों और शिक्षाविदों को सम्मानित किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई पहलुओं पर कार्य कर रही है, ताकि प्रदेश के बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा मिल सके। इस दौरान उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की अपील भी की। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले पांच विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें क्रिकेटर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और भारतीय सेना में चयनित छात्र शामिल रहे।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नवी मुंबई में स्थित भारत सरकार के उपक्रम एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड (हिन्द लैब) का भी भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने पैथोलॉजी लैब में स्थापित अत्याधुनिक मशीनों और तकनीकों का निरीक्षण किया तथा वहां की सेवाओं की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि एचएलएल महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर निःशुल्क लैब जांचों की सुविधा प्रदान कर रहा है। डॉ. रावत ने कहा कि उत्तराखंड के ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में भी उच्च स्तरीय पैथोलॉजी उपकरण और तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी और इसके लिए शीघ्र ही ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी।